सम्राट अशोक का चतुर्दश शिलालेख
यहां पर एक चट्टान पर मौर्य सम्राट अशोक का चतुर्दश शिलालेख अकिंत है। उसी चट्टान के दूसरी ओर शक क्षत्रप रुद्रदामन का अभिलेख (150 ई.) है, जिसमें मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के आदेश से वहां पर सुदर्शन झील के निर्माण का उल्लेख है। रुद्रदामन के जूनागढ़ लेख से ज्ञात होता है कि सम्राट अशोक के समय तुशाष्प नामक अधीनस्थ यवन राज्यपाल के रूप में सौराष्ट्र पर शासन करता था।
यहां मल्लिनाथ और नेमिनाथ के स्मारक बने हुए हैं। जैनों के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में प्रमुख 1118 मीटर ऊंचे गिरनार पर्वत पर संगमरमर से बने 16 मन्दिर विशेष रूप से दर्शनीय हैं। शिखर तक पहुचने के लिए दर्शकों को पत्थरों से तराशी गयी दस हजार सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। सबसे प्राचीन और विशाल मंदिर 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ का है, जिसका निर्माण 112वीं शताब्दी में हुआ था।
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