फलटण(जिला:सातारा,महाराष्ट्र) तेरवी सदी तक धनगरों की गढी थी
फलटण(जिला:सातारा,महाराष्ट्र) तेरवी सदी तक धनगरों की गढी थी
छत्रपति शिवाजी महाराज फलटण के दामाद होने के कारण फलटण नगर महाराष्ट्र में प्रसिद्ध हैI शिवाजी महाराज की प्रथम महाराणी सईबाई फलटण के नाईक-निंबाळकर परिवार से थीI फलटण के लोग आज भी फलटण में धनगरों(मेषपाल) की गढी(किला) थी इसके बारे मे चर्चा करते हैI
छत्रपति शिवाजी महाराज फलटण के दामाद होने के कारण फलटण नगर महाराष्ट्र में प्रसिद्ध हैI शिवाजी महाराज की प्रथम महाराणी सईबाई फलटण के नाईक-निंबाळकर परिवार से थीI फलटण के लोग आज भी फलटण में धनगरों(मेषपाल) की गढी(किला) थी इसके बारे मे चर्चा करते हैI
ईसा.१२४४ में धार के परमार वंश के निंबराज परमार दिल्ली के मुस्लिम सुलतानों के आक्रमण के कारण दक्षिण में आकर फलटण के नजदीक शंभुमहादेव के जंगल में रहने लगेI निंबराज जिस गाँव में रहने लगे उसे निंबळक और उनके वंशज निंबाळकर कहलायेI
मुहम्मद बिन तुग़लक़ के समय तेरवी सदी में निंबाळकर दिल्ली के मुस्लिम सुलतानों के सरदार बन गये और उनको "नाईक" उपाधि प्राप्त हो गई और फलटण के जागीरदार बन गयेI बाद मे बीजापुर की आदिलशाही में निंबाळकर परिवार को विशेष महत्व प्राप्त हो गयाI
तेरवी सदी में दिल्ली के मुस्लिम सुलतानों के आक्रमण के कारण फलटण के धनगर सातारा और सोलापुर जिले के सीमा क्षेत्र में बारा बस्ती में फैल गये उसे धनगरों की बारा वाडी(बस्ती) कहा जाता हैI
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