मेषपाल और किसान की विचारधाराएं
मेषपाल और किसान की विचारधाराएं
किसान पर समाज व्यवस्था का नियंत्रण होता था। किसान अपनी जमीन का "दास" होता था। उसकी विचारधारा सिर्फ अपनी जमीं तक सिमित रहती थी।इसके विरूद्ध मेषपालन एक मुक्त जीवनशैली होती थी। मेषपाल का दॄष्टिकोण "विश्वव्यापक" होता था। विश्व के सभी धर्मों के धर्मगुरु और महान राजा मेषपाल समाज से आगे आये थे।
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=861112130687870&set=a.267277083404714.64323.100003672720193&type=3
किसान पर समाज व्यवस्था का नियंत्रण होता था। किसान अपनी जमीन का "दास" होता था। उसकी विचारधारा सिर्फ अपनी जमीं तक सिमित रहती थी।इसके विरूद्ध मेषपालन एक मुक्त जीवनशैली होती थी। मेषपाल का दॄष्टिकोण "विश्वव्यापक" होता था। विश्व के सभी धर्मों के धर्मगुरु और महान राजा मेषपाल समाज से आगे आये थे।
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