Totemic Culture of Dhangars(Indus Culture) धनगरों की कुल और देवक संस्कृति (सिंधु संस्कृति)
Totemic Culture of Dhangars(Indus Culture)
धनगरों की कुल और देवक संस्कृति (सिंधु संस्कृति)
सिंधु संस्कृति कुल और देवक संस्कृति थी।प्राचीन काल में धनगरों के अलग अलग कबीले होते थे।इन कबीलों को "कुल" या "गण" कहा जाता था। हर एक कुल का कुलचिन्ह या देवक होता था।ये कुलचिन्ह उनके प्रिय प्राणी,पक्षी और वृक्ष(नाग,कदंब,कमल,मोर,गरुड़,पंचपल्लव इत्यादि) होते थे।
प्राचीन काल में धनगरों के प्रमुख दो मुख्य प्रकार थे। एक भारत के "मूलनिवासी" धनगर और दूसरा "सिथियन" यानि की "शक" जो ईरान और मध्य-एशिया के घुमंतू मेषपाल थे।सिथियन लोग भारत आने के बाद उनका मूलनिवासी धनगरों के साथ संयोग हो गया।
कई विद्वानों का दावा है की आर्य मूलतः भारत के नहीं थे। लेकिन सच तो ये है की आर्य मूलतः दक्षिण भारत के थे। पुराणों में उल्लेख है की "विवस्वत मनु" या "सत्यव्रत" जो प्रभु श्रीराम के पूर्वज थे वो "द्रविड़ देश"(दक्षिण भारत) के राजा थे।रामसेतु भी दक्षिण भारत में ही है। ईसाई और मुस्लिम रामसेतु को "आदम ब्रीज" के नाम से जानते है और "आदम"(मनु) श्रीलंका से पश्चिम-एशिया आने का दावा करते है।
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