पणि(फोनेशियान) लोग ब्याजभोजी(सावकार) थे।
पणि(फोनेशियान) लोग ब्याजभोजी(सावकार) थे। आज का 'बनिया' शब्द वणिक का अपभ्रंश ज़रूर है मगर इसके जन्मसूत्र पणि में ही छुपे हुए हैं। दास बनाने वाले ब्याजभोजियों के प्रति आर्यों की घृणा स्वाभाविक थी। आर्य पशुपालन करते थे और पणियों का प्रधान व्यवसाय व्यापार और लेन-देन था। पणिक या फणिक शब्द से ही वणिक भी जन्मा है।
आर्य लोग घुमंतू पशुपाल थे और मध्य एशिया से भारत आये थे।पणि अफ्रो-एशियाटिक मूल के लोग थे।
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