Kumari Kandam(Tamil) Civilization:Ten Lac years old civilization कुमारी कंदम सभ्यता (तमिल सभ्यता) आज से दस लाख वर्ष पूर्व इतनी प्राचीन थी।इंडो-यूरोपीय लोग मूलतःघमंतू(ट्राइबल/नोमेडिक) संस्कृति से थे।द्रविड़ियन लोग नगरी(सिविलाईज़ेड) संस्कृति से थे।
Kumari Kandam(Tamil) Civilization:Ten Lac years old civilization
कुमारी कंदम सभ्यता (तमिल सभ्यता) आज से दस लाख वर्ष पूर्व इतनी प्राचीन थी।इंडो-यूरोपीय लोग मूलतःघमंतू(ट्राइबल/नोमेडिक) संस्कृति से थे।द्रविड़ियन लोग नगरी(सिविलाईज़ेड) संस्कृति से थे।
कुमारी कंदम की अनकही कहानी: हिंद महासागर में मानव सभ्यता का उद्गम स्थल
तमिल लेखकों के अनुसार आधुनिक मानव सभ्यता का विकास, अफ्रीका महाद्वीप में ना होकर हिन्द महासागर में स्थित ‘कुमारी कंदम’ नामक द्वीप में हुआ था | इसे कुमारी नाडु के नाम से भी जाना जाता है | कुछ लेखक तो इसे रावण की लंका के नाम से भी जोड़ते हैं, क्योंकि दक्षिण भारत को श्रीलंका से जोड़ने वाला राम सेतु भी इसी महाद्वीप में पड़ता है |इस राम सेतु के अस्तित्व को तो नासा ने भी सिद्ध कर दिया है | इसलिए अब शक की संभावना कम ही बनती है |
कुमारी कंदम का इतिहास:
तमिल साहित्य के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप में कुमारी कंदम नाम की एक तमिल सभ्यता थी , जो कि अब हिन्द महासागर में विलुप्त हो चुकी है सन 1903 में V.G. सूर्यकुमार ने इसे सर्वप्रथम Kumarinatu" ("Kumari Nadu") या कुमारी क्षेत्र का नाम दिया था | कहा जाता है की यह कुमारी कंदम ही रावण के देश ‘लंका’ का विस्तृत स्वरुप है जो कि वर्तमान भारत से भी बड़ा था ।
इस प्रकार अब यह कहना गलत नहीं होगा कि आधुनिक मानव सभ्यता का विकास अफ्रीका महाद्वीप (जैसी कि मान्यता है) में न होकर कुमारी कंदम में हुआ था |
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