Origin of Alphabets:(वर्णमाला का उगम)
फ़ोनीशियाई वर्णमाला:देवनागरी,हिब्रू और इंग्लिश वर्णमाला का मूल
फ़ोनीशियाई वर्णमाला:देवनागरी,हिब्रू और इंग्लिश वर्णमाला का मूल
अक्षरों की खोज का प्राथमिक श्रेय पशुपालों को देना चाहिए। उन्होंने पहली बार अपनी पशुओं की संख्या गिनने के लिए मिट्टी के वस्तुओं पर सांकेतिक लिपि की शुरुवात की थी।विश्व की प्राचीन प्रगत सभ्यता के निर्माता भी मूलतः पशुपाल यानि कि "धनगर" लोग ही थे।लेकिन जिन्होंने पहली बार अक्षरों की खोज की वही अक्षर अभी उनसे दूर जा रहे है।
फ़ोनीशियाई वर्णमाला:
फ़ोनीशिया मध्य-पूर्व के उर्वर अर्धचंद्र के पश्चिमी भाग में भूमध्य सागर के तट के साथ-साथ स्थित एक प्राचीन सभ्यता थी। समुद्री व्यापार के ज़रिये यह १५०० से ३०० ईसा-पूर्व के काल में भूमध्य सागर के दूर-दराज़ इलाक़ों में फैल गई।
फ़ोनीशिया मध्य-पूर्व के उर्वर अर्धचंद्र के पश्चिमी भाग में भूमध्य सागर के तट के साथ-साथ स्थित एक प्राचीन सभ्यता थी। समुद्री व्यापार के ज़रिये यह १५०० से ३०० ईसा-पूर्व के काल में भूमध्य सागर के दूर-दराज़ इलाक़ों में फैल गई।
इन्होने जिस अक्षरमाला का इजाद किया उसपर विश्व की सारी प्रमुख अक्षरमालाएँ आधारित हैं। कई भाषावैज्ञानिकों का मानना है कि देवनागरी-सहित भारत की सभी वर्णमालाएँ इसी फ़ोनीशियाई वर्णमाला की संताने हैं।
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