भारत में लगभग 1,16,000 मंदिर पंजीकृत हैं। गली कूचों में तो अनगिनत मंदिर बने पड़े हैं।
भारत में लगभग 1,16,000 मंदिर पंजीकृत हैं। गली कूचों में तो अनगिनत मंदिर बने पड़े हैं। भारत में लगभग 15 करोड़ धनगर हैं। प्रत्येक धनगर यदि औसतन 500 ₹ भी सालाना धर्म के नाम पर खर्च करता है तो यह राशि 750 करोड़ होती है। इतनी राशि का यदि धनगर स्वयं का शिक्षा कोष बना ले तो हर वर्ष 20000 डॉक्टर , इंजीनियर या ऐसे ही प्रोफेसनल कोर्सेज की अपने बच्चों की फीस भर सकते हैं। क्या कोई देवता या धर्म आपकी इतनी बड़ी मदद कर सकता है ? आपके धार्मिक दान से जिन ब्राह्मणों का घर खर्च चलता है जिनके बच्चे पलते पढ़ते हैं वो तो आपसे नफ़रत करते हैं। तो फिर म़दिरों में दान क्यों?
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