हम पानी क्यों ना पीये खाना खाने के बाद.!
कृपया मैसेज को पढें और अपने दोस्तों को भेजे
ये जानना बहुत जरुरी है.!
हम पानी क्यों ना पीये खाना खाने के बाद.!
क्या कारण है.?
हमने दाल खाई,
हमने सब्जी खाई,
हमने रोटी खाई,
हमने दही खाया,
लस्सी पी, दूध, दही, छाझ, लस्सी, फल आदि.!
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है
और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है.!
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है
जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय"
उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"
उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
"epigastrium"
ये एक थेली की तरह होता है
और यह जठर
हमारे शरीर मे सबसे
महत्वपूर्ण है
क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।
ये बहुत छोटा सा स्थान हैं
इसमें अधिक से अधिक 350gms खाना आ सकता है.!
हम कुछ भी खाते
सब ये अमाशय मे आ जाता है.!
क्या कारण है.?
हमने दाल खाई,
हमने सब्जी खाई,
हमने रोटी खाई,
हमने दही खाया,
लस्सी पी, दूध, दही, छाझ, लस्सी, फल आदि.!
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है
और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है.!
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है
जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय"
उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"
उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
"epigastrium"
ये एक थेली की तरह होता है
और यह जठर
हमारे शरीर मे सबसे
महत्वपूर्ण है
क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।
ये बहुत छोटा सा स्थान हैं
इसमें अधिक से अधिक 350gms खाना आ सकता है.!
हम कुछ भी खाते
सब ये अमाशय मे आ जाता है.!
आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है
उसी को कहते हे "जठराग्न".!
ये जठराग्नि है
वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है ।
ऐसे ही पेट मे होता है
जेसे ही आपने खाना खाया
की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी..t
यह ऑटोमेटिक है,
जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला
की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई.!
ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना' पचता है |
ये जठराग्नि है
वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है ।
ऐसे ही पेट मे होता है
जेसे ही आपने खाना खाया
की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी..t
यह ऑटोमेटिक है,
जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला
की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई.!
ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना' पचता है |
अब अपने खाते ही
गटागट पानी पी लिया
और खूब ठंडा पानी पी लिया.r
गटागट पानी पी लिया
और खूब ठंडा पानी पी लिया.r
और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है.!
अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी
वो बुझ गयी.!
आग अगर बुझ गयी
.तो खाने की पचने की जो क्रिया है
वो रुक गयी.!
You suffer from IBS,
Never CURABLE
वो बुझ गयी.!
आग अगर बुझ गयी
.तो खाने की पचने की जो क्रिया है
वो रुक गयी.!
You suffer from IBS,
Never CURABLE
अब हमेशा याद रखें
खाना जाने पर
हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,
एक क्रिया है
जिसको हम कहते हे
"Digestion"
और दूसरी है "fermentation" फर्मेंटेशन का मतलब है
सडना...!
और
डायजेशन का मतलब हे
पचना.!
खाना जाने पर
हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,
एक क्रिया है
जिसको हम कहते हे
"Digestion"
और दूसरी है "fermentation" फर्मेंटेशन का मतलब है
सडना...!
और
डायजेशन का मतलब हे
पचना.!
आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी
तो खाना पचेगा,
खाना पचेगा
तो उससे रस बनेगा.!
जो रस बनेगा
तो उसी रस से
मांस, मज्जा, रक्त, वीर्य, हड्डिया, मल, मूत्र और अस्थि बनेगा
और सबसे अंत मे मेद बनेगा.!
तो खाना पचेगा,
खाना पचेगा
तो उससे रस बनेगा.!
जो रस बनेगा
तो उसी रस से
मांस, मज्जा, रक्त, वीर्य, हड्डिया, मल, मूत्र और अस्थि बनेगा
और सबसे अंत मे मेद बनेगा.!
ये तभी होगा
जब खाना पचेगा.!
जब खाना पचेगा.!
यह सब हमें चाहिए.
ये तो हुई खाना पचने की बात.
अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..?
ये तो हुई खाना पचने की बात.
अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..?
खाने के सड़ने पर
सबसे पहला जहर जो बनता है
वो हे यूरिक एसिड (uric acid)
सबसे पहला जहर जो बनता है
वो हे यूरिक एसिड (uric acid)
कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है
की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है,
मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है
की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है,
मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है
तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है
आप ये दवा खाओ,
वो दवा खाओ यूरिक एसिड कम करो|
और एक दूसरा उदाहरण खाना
आप ये दवा खाओ,
वो दवा खाओ यूरिक एसिड कम करो|
और एक दूसरा उदाहरण खाना
जब खाना सड़ता है,
तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है
जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol)
तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है
जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol)
जब आप
ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने
डॉक्टर के पास जाते हैं
तो वो आपको कहता है (HIGH BP)
ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने
डॉक्टर के पास जाते हैं
तो वो आपको कहता है (HIGH BP)
हाई-बीपी है
आप पूछोगे...
कारण बताओ.?
आप पूछोगे...
कारण बताओ.?
तो वो कहेगा
कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है |
कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है |
आप ज्यादा पूछोगे
की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?
की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?
तो वो आपको कहेगा
LDL बहुत है |
LDL बहुत है |
इससे भी ज्यादा
खतरनाक एक विष हे
वो है.... VLDL
(Very Low Density Lipoprotive)
खतरनाक एक विष हे
वो है.... VLDL
(Very Low Density Lipoprotive)
ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।
अगर VLDL बहुत बढ़ गया
तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता|
अगर VLDL बहुत बढ़ गया
तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता|
खाना सड़ने पर
और जो जहर बनते है
उसमे एक ओर विष है
जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides.!
और जो जहर बनते है
उसमे एक ओर विष है
जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides.!
जब भी डॉक्टर
आपको कहे
की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे
तो समज लीजिए
की आपके शरीर मे
विष निर्माण हो रहा है |
आपको कहे
की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे
तो समज लीजिए
की आपके शरीर मे
विष निर्माण हो रहा है |
तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,
कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे,
कोई LDL -VLDL के नाम से कहे
समझ लीजिए
की ये विष हे
और ऐसे विष 103 है |
कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे,
कोई LDL -VLDL के नाम से कहे
समझ लीजिए
की ये विष हे
और ऐसे विष 103 है |
ये सभी विष
तब बनते है
जब खाना सड़ता है |
तब बनते है
जब खाना सड़ता है |
मतलब समझ लीजिए
किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए
की खाना पच नहीं रहा है ,
किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए
की खाना पच नहीं रहा है ,
कोई कहता हे
मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप...!
की आपका खाना पच नहीं रहा है |
मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप...!
की आपका खाना पच नहीं रहा है |
कोई कहता है
मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे
की खाना पच नहीं रहा है |
मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे
की खाना पच नहीं रहा है |
क्योंकि खाना पचने पर
इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता.!
इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता.!
खाना पचने पर
जो बनता है
वो है....
मांस, मज्जा, रक्त, वीर्य, हड्डिया, मल, मूत्र, अस्थि.!
जो बनता है
वो है....
मांस, मज्जा, रक्त, वीर्य, हड्डिया, मल, मूत्र, अस्थि.!
और
खाना नहीं पचने पर बनता है....
यूरिक एसिड,
कोलेस्ट्रोल,
LDL-VLDL.!
यूरिक एसिड,
कोलेस्ट्रोल,
LDL-VLDL.!
और यही
आपके शरीर को
रोगों का घर बनाते है.!
आपके शरीर को
रोगों का घर बनाते है.!
पेट मे बनने वाला यही जहर
जब ज्यादा बढ़कर खून मे आते है !
तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता
और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा
जो खून मे आया है
इकट्ठा होता रहता है
और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है
जिसे आप
heart attack कहते हैं.!
जब ज्यादा बढ़कर खून मे आते है !
तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता
और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा
जो खून मे आया है
इकट्ठा होता रहता है
और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है
जिसे आप
heart attack कहते हैं.!
तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
की जो हम खा रहे हे
वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए
और खाना ठीक से पचना चाहिए
इसके लिए पेट मे
ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए|
की जो हम खा रहे हे
वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए
और खाना ठीक से पचना चाहिए
इसके लिए पेट मे
ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए|
क्योंकि
बिना आग के खाना पचता नहीं हे
और खाना पकता भी नहीं है
बिना आग के खाना पचता नहीं हे
और खाना पकता भी नहीं है
महत्व की बात
खाने को खाना नहीं
खाने को पचाना है |
खाने को खाना नहीं
खाने को पचाना है |
आपने क्या खाया कितना खाया
वो महत्व नहीं हे.!
वो महत्व नहीं हे.!
खाना अच्छे से पचे
इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया.!
इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया.!
"भोजनान्ते विषं वारी"
(मतलब
खाना खाने के तुरंत बाद
पानी पीना
जहर पीने के बराबर है)
खाना खाने के तुरंत बाद
पानी पीना
जहर पीने के बराबर है)
इसलिए खाने के
तुरंत बाद पानी
कभी मत पिये..!
तुरंत बाद पानी
कभी मत पिये..!
अब आपके मन मे सवाल आएगा
कितनी देर तक नहीं पीना.?
कितनी देर तक नहीं पीना.?
तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !
अब आप कहेंगे
इसका
क्या calculation हैं.?
इसका
क्या calculation हैं.?
बात ऐसी है....!
जब हम खाना खाते हैं
तो जठराग्नि द्वारा
सब एक दूसरे मे
मिक्स होता है
और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं.!
तो जठराग्नि द्वारा
सब एक दूसरे मे
मिक्स होता है
और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं.!
पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक
1 घंटा 48 मिनट का समय लगता है !
1 घंटा 48 मिनट का समय लगता है !
उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है.!
(बुझती तो नहीं लेकिन बहुत धीमी हो जाती है)
पेस्ट बनने के बाद
शरीर मे रस बनने की
परिक्रिया शुरू होती है !
शरीर मे रस बनने की
परिक्रिया शुरू होती है !
तब हमारे शरीर को
पानी की जरूरत होती हैं।
पानी की जरूरत होती हैं।
तब आप जितना इच्छा हो
उतना पानी पिये.!
उतना पानी पिये.!
जो बहुत मेहनती लोग है
(खेत मे हल चलाने वाले,
रिक्शा खीचने वाले,
पत्थर तोड़ने वाले)
(खेत मे हल चलाने वाले,
रिक्शा खीचने वाले,
पत्थर तोड़ने वाले)
उनको 1 घंटे के बाद ही
रस बनने लगता है
उनको घंटे बाद
पानी पीना चाहिए !
रस बनने लगता है
उनको घंटे बाद
पानी पीना चाहिए !
अब आप कहेंगे
खाना खाने के पहले
कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं.?
खाना खाने के पहले
कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं.?
तो खाना खाने के
45 मिनट पहले तक
आप पानी पी सकते हैं !
45 मिनट पहले तक
आप पानी पी सकते हैं !
अब आप पूछेंगे
ये मिनट का calculation....?
ये मिनट का calculation....?
बात ऐसी ही
जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !
जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !
और अगर बच जाये
तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है.!
तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है.!
तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !
तो आप खाना खाने से
45 मिनट पहले ही
पाने पिये.!
45 मिनट पहले ही
पाने पिये.!
इसका जरूर पालण करे..!
अधिक अधिक लोगो को बताएं.!
If you think that
It's educating people
Then you may spread.
It's all upto you.
If you think that
It's educating people
Then you may spread.
It's all upto you.
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