खटीक जाति का इतिहास
आज जिसे दलित और अछूत आप मानते हैं न, उस जाति के कारण हिंदू धर्म का गौरव पताका हमेशा फहराता रहा है। खटिक जाति मूल रूप से वो ब्राहमण(Original Brahmins/आदि- ब्राह्मण) जाति है, जिनका काम आदि काल में याज्ञिक पशु बलि देना होता था। आदि काल में यज्ञ में बकरे की बलि दी जाती थी। संस्कृत में इनके लिए शब्द है, 'खटिटक'।आज हम खटिकों को अछूत मानते हैं, क्योंकि हमें उनका सही इतिहास नहीं बताया गया है, उसे दबा दिया गया है।
मुस्लिम जब गो हत्या करने लगे तो उसके प्रतिकार स्वरूप खटिकों ने सूअर का मांस बेचना शुरू किया और धीरे धीरे यह स्थिति आई कि वह अपने ही हिंदू समाज में पददलित होते चले गए। कल के शूरवीर ब्राहण आज अछूत और दलित श्रेणी में हैं।
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