मंगल पांडे को धर्म की पड़ी थी, जबकि आजादी के दीवाने देश को आजाद करना चाहते थे

1857 में विद्रोह तो होना ही था. मेरठ से लेकर कानपुर और दिल्ली में बगावत की तैयारी थी. लेकिन मंगल पांडे की धार्मिक सनक के कारण पूरे देश में एक साथ विद्रोह नहीं हो पाया, वरना शायद इस साल हम आजादी की 150वीं या 160वीं सालगिरह मना रहे होते.
लेकिन एनफील्ड राइफल की कारतूस में अगर गाय की जगह, भैंस की चर्बी होती तो बंगाल नैटिव इन्फैंट्री का सिपाही मंगल पांडे किन पर गोलियां दाग रहा होता? चर्बी भैंस की होती, तो भी क्या उनकी देशभक्ति जगती?
चर्बी भैंस की होती तो मंगल पांडे मेरठ के स्वतंत्रता सेनानियों पर गोलियां दाग रहा होता.
मंगल पांडे के लिए देश से बड़ा उनका धर्म और जाति थी, जो गाय की चर्बी की वजह से संकट में थी.
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मंगल पांडे को धर्म की पड़ी थी, जबकि आजादी के दीवाने देश को आजाद करना चाहते थे

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