Posts

Showing posts from 2015

Initially all human being was nomadic but those who maintained"blood purity"....

Initially all human being was nomadic but those who maintained" blood purity "(class endogamy or marriage among warrior class exclusively) strictly, dedication towards war skill for "thousands" of year and most important is sacrification have given greatest warriors to India(Note:It doesn't mean that other caste are impure by blood but every caste has its own speciallity).

List of top nomadic kings

Top kings in the world emerged from "nomadic lifestyle of shepherding" Nomadic life style of shepherding was sutaible to develop warfare skills. Most important is guerrilla method of war to find ways in mountainous region.Sheeps and goats were major source of food during there journey.Most of the capital of empire found on hills. List of top nomadic kings 1.Hatti kings of ancient Anatolia,Turkey were shepherds 2.Remus and Remulus two twin brothers found rome city on "pallatin" hill with the help of shepherds. 3.Persian king Cyrus the Great:King of the four corners of the world. 4.Alexander the great was nomadic warrior 5.Chandragupta Maurya 6.Ashoka the Great:Grandson of Chandragupta Maurya 7.Gurjar king Kanishka the Great 8.Attila the Hun:The great Huna warrior 9.Chenges khan:The Great mangol warrior 10.Bappa Raval the founder of Gehlot dynasty was shepherd 11.Ajapal Chauhan the founder of Chauhan dynasty was shepherd 12.Founder of "Jadaun"

Madan(Marsh Arab) people of Iran

Image
Madan(Marsh Arab) people of Iran Madan peoples are descendant from ancient Sumerians and the early Medes.They have still link with ancient Sumerian fishing culture."Mohana" people are also found in Sindh providence in Pakistan.They are also mainly fishers now.They are associated with R1a1(male DNA) of ancient Aryans and link themselves with ancient Medes of Iran. Agriculture The society of the Marsh Arabs was divided into two main groups by occupation. One group bred and rais ed domestic buffalo while others cultivated crops such as rice, barley, wheat and pearl millet; they also kept some sheep and cattle. Rice cultivation was especially important; it was carried out in small plots cleared in April and sown in mid-May. Cultivation seasons were marked by the rising and setting of certain stars, such as the Pleiades and Sirius. Some branches of the Maʻdān were nomadic pastoralists, erecting temporary dwellings and moving buffalo around the marshes according to the s

कुर्दिश सेना में ईसिस का मुकाबला करने के लिए अब महिलाओं की भी भरती

Image
Kurdish Army has involved women’s in their forces to fight against ISIS. Kurds are descendant from ancient “Madane” Aryans of the Iran. कुर्दिश सेना में ईसिस का मुकाबला करने के लिए अब महिलाओं की भी भरती कुर्द प्राचीन ईरान के "मदने" आर्यों के वंशज है https://www.facebook.com/photo.php?fbid=736489256483492&set=a.267277083404714.64323.100003672720193&type=3&theater

फलटण(जिला:सातारा,महाराष्ट्र) तेरवी सदी तक धनगरों की गढी थी

Image
फलटण (जिला:सातारा,महाराष्ट्र) तेरवी सदी तक धनगरों की गढी थी छत्रपति शिवाजी महाराज  फलटण  के दामाद होने के कारण  फलटण  नगर महाराष्ट्र में प्रसिद्ध हैI शिवाजी महाराज की प्रथम महाराणी सईबाई  फलटण  के नाईक-निंबाळकर परिवार से थीI  फलटण  के लोग आज भी  फलटण  में धनगरों(मेषपाल) की गढी(किला) थी इसके बारे मे चर्चा करते हैI ईसा.१२४४ में धार के परमार वंश के निंबराज परमार दिल्ली के मुस्लिम सुलतानों के आक्रमण के कारण दक्षिण में आकर  फलटण  के नजदीक शंभुमहादेव के जंगल में रहने लगेI निंबराज ज िस गाँव में रहने लगे उसे निंबळक और उनके वंशज निंबाळकर कहलायेI मुहम्मद बिन तुग़लक़ के समय तेरवी सदी में निंबाळकर दिल्ली के मुस्लिम सुलतानों के सरदार बन गये और उनको "नाईक" उपाधि प्राप्त हो गई और  फलटण  के जागीरदार बन गयेI बाद मे बीजापुर की आदिलशाही में निंबाळकर परिवार को विशेष महत्व प्राप्त हो गयाI तेरवी सदी में दिल्ली के मुस्लिम सुलतानों के आक्रमण के कारण  फलटण  के धनगर सातारा और सोलापुर जिले के सीमा क्षेत्र में बारा बस्ती में फैल गये उसे धनगरों की बारा वाडी(बस्ती) कहा जाता हैI https://www.

पिलिव जागीर (Piliv Vassal)

Image
पिलिव जागीर (Piliv Vassal) पिलिव नगर (जिला:सोलापुर,महाराष्ट्र) के मदने- पाटील खानदान के मुलपुरूष हिराजी नाईक(मदने)- जहागीरदार  थेI वीर सरदार हिराजी नाईक को बिजापुर के सुलतान आदिलशाह ने पंद्रह सदी में पिलिव प्रांत की जागीर प्रदान कीI ”नाईक” एक बड़ी उपाधि थी जो सरदारों को दी जाती थीIआज पिलिव प्रांत में मदने परिवार की जनसंख्या लगभग चार हजार के करीब हैI सरदार हिराजी ने अपने खानदान की कुलदेवता श्री महालक्ष्मी देवी के मंदिर का निर्माण कियाI  जहागीरदार  हिराजी ने अपनी बेटी की शादी शें डगे परिवार में की और बेटी के परिवार को देवी के मंदिर के पूजा का मान प्रदान कियाI देवी के मंदिर के विश्वस्त मदने- पाटील लोग हैI आज भी मंदिर के पुजारी ब्राह्मण नहीं बल्कि शेंडगे धनगर(मेषपाल) लोग हैI 'जागीरदार' फ़ारसी भाषा के शब्द 'जागीर', अर्थात भूमि और दार, अर्थात अधिकारी से मिलकर बना है। जागीरदारी एक ऐसी प्रथा थी जिसमे सरदार को एक नियोजित प्रांत में से कर वसूल करने का अधिकार दिया जाता था। उस प्रांत का वो सरदार मालिक होता थाI सशर्त जागीर में जागीरदार को शासन के हित में कर वसूलने और

Genetics of Dhangar(Shepherds),Maratha and Brahmins caste of Maharasthra.

Image
Genetics of Dhangar(Shepherds),Maratha and Brahmins caste of Maharasthra. Dhangar heterogeneity is ascribable to predominantly South-Asian males and West-Eurasian females.Presently Kurd,Gurjar and Saraks are the branch of Dhangars found in West Eurasia. https://www.facebook.com/photo.php?fbid=736494846482933&set=a.267277083404714.64323.100003672720193&type=3&theater

Kurdish Army has involved women’s in their forces to fight against ISIS. Kurds are descendant from ancient “Madane” Aryans of the Iran.

Image
Kurdish Army has involved women’s in their forces to fight against ISIS. Kurds are descendant from ancient “Madane” Aryans of the Iran. कुर्दिश सेना में ईसिस का मुकाबला करने के लिए अब महिलाओं की भी भरती कुर्द प्राचीन ईरान के "मदने" आर्यों के वंशज है https://www.facebook.com/photo.php?fbid=736489256483492&set=a.267277083404714.64323.100003672720193&type=3&theater

Great thought

Image
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=735761983222886&set=a.267277083404714.64323.100003672720193&type=3&theater

History of Kurd(Medes/Madane) of Iran (BCE 600 to 300):Isa Purv(600 to 300)

Image
History of Kurd(Medes/Madane) of Iran (BCE 600 to 300):Isa Purv(600 to 300) Kurds are sun worshippers.The Aryan Iranians had various shepherding tribes.The  most important ones being the Medes(Modern Kurds), Persians (Medh/Mede/ Waghmode), Parthians(Parad), and the Scythians(Modern Dhangar/Shak/Saka,Gurjar,Jat,Rajput,Khatri and Sikhs). https://www.facebook.com/photo.php?fbid=735753739890377&set=a.267277083404714.64323.100003672720193&type=3&theater

आद्य स्वातंञ्यवीर राजे यशवंत -------------------------------------

Image
आद्य स्वातंञ्यवीर राजे यशवंत  ------------------------------------- (जन्म :३डिसे. १७७६ निर्वाण :२८ आक्टो.१८११) (आज २३९ व्या जयंती निमित्त सर्वांना हार्दिक शुभेच्छा ! तथा महाराजांना विनम्र अभिवादन!! )  

महाराजा यशवंतराव होलकर(3 दिसंबर,1776- 28 अक्टूबर,1811) जिनसे अंग्रेज खाते थे खौफ

Image
महाराजा यशवंतराव होलकर(3 दिसंबर,1776- 28 अक्टूबर,1811) जिनसे अंग्रेज खाते थे खौफ देश की आज़ादी की लड़ाई में न जाने कितने ऐसे व्यक्तित्व हुए, जिन्होंने गुमनाम रहकर जो कुछ देश के लिए किया है, वह सदैव अविस्मरणीय रहेगा। भारत माता के ये सपूत वीरता, पराक्रम व प्रतिभा के साथ अंतिम साँस तक देश के लिए लड़ते, जूझते रहे। ये ही देश की असली ताक़त और आज़ादी की यज्ञवेदी पर सब कुछ कुर्बान करने वाले शहीद है। भारत माता के ऐसे सपूतों में से एक थे-यशवंतराव होलकर।यशवंतराव होलकर मुल महाराष्ट्र के धनगर(मेषपाल) वंश के थेI तुकोजीराव होलकर जिन्होंने टीपू सुल्तान को मात देकर भगवा पताका तुंगभद्र नदी के पार फहराया था, उन्ही के पुत्र थे यशवंतराव Iयशवंतराव होलकर एक ऐसे वीर योद्धा का नाम है जिनकी तुलना विख्यात इतिहासशास्त्री एन. एस. इनामदार ने 'नेपोलियन' से की है। ये मध्य प्रदेश की मालवा रियासत के महाराज थे। यशवंतराव होलकर का जन्म सन 1776 में हुआ। इनके पिता थे-तुकोजीराव होलकर। होलकर साम्राज्य का प्रभाव उस समय बहुत बढ़ा हुआ था, लेकिन उनकी यह समृद्धि कुछ लोगोंकी आँखों में खटकती थी। उन्हीं में से एक ग्वालियर क

Milind Poet on Yashwantrao:महाराजा यशवंतराव होळकरांना मानाचा मुजरा.

Image
https://www.facebook.com/The.Great.Holkars/photos/a.1437709103111299.1073741825.1437708503111359/1685815881633952/?type=3&theater आद्य स्वातंञ्यवीर राजे यशवंत  ------------------------------------- (जन्म :३डिसे. १७७६ निर्वाण :२८ आक्टो.१८११) (आज २३९ व्या जयंती निमित्त सर्वांना हार्दिक शुभेच्छा ! तथा महाराजांना विनम्र अभिवादन!! )  3 Dec;2015

अत्यंत साधा राज्यकर्ता

Image
अत्यंत साधा राज्यकर्ता https://www.facebook.com/photo.php?fbid=733332070132544&set=a.267277083404714.64323.100003672720193&type=3&theater

न भूतो न भविष्यति असा राजा..

न भूतो न भविष्यति असा राजा.. राजा शालिवाहन(गौतमीपुत्र सातकर्णि) सातवाहन शातकर्णी, इ.स. ७८ महाराष्ट्राचा एकमेव अप्रतिहतचक्र राजा! राजधानी: प्रतिष्ठानपुरी, पैठण. राज्यविस्तार: द.कर्नाटकापासून कांची ते कलिंग मगधापर्यंत, आंध्र-विदर्भापासून ते माळव्या पर्यंत. विदर्भराजा शकक्षत्रप नहपानाचा पराभव करून शातकर्णीने विदर्भ आणि कलिंग पादाक्रांत केला आपल्या प्रजेला तो पित्यासमान वाटत होता असे समजते. राजा म्हणून धर्म, राजकारण, अर्थकारण या सर्व बाबतीत तो कोठेही कमी पडला नाही असे सांगण्यात येते. युद्धशास्त्रात तो प्रवीण होता आणि एक अत्युत्तम धनुर्धारी मानला जाई. पुढे उज्जैनीचा राजा विक्रमादित्य (विक्रम-वेताळ आणि सिंहासन बत्तिशीचा नायक) याचा पराभव करून दिनमान पद्धती रूढ केली."खरात वंश"-निरवशेषकर शकपल्हवनिषूदन समुद्रतोयपीतवाहन हेच खरे!

राजस्थानातल्या मेवाड अश्या छोट्याश्या भागाचे प्रतिनिधित्व करणारा महाराणा प्रताप जर ग्रेट असेल तर...

राजस्थानातल्या मेवाड अश्या छोट्याश्या भागाचे प्रतिनिधित्व करणारा महाराणा प्रताप जर ग्रेट असेल तर, जम्मू ते कन्याकुमारी आणि अफगाणिस्थान ते भूतान अशी सत्ता असणारा अशोक तर काय चीज असेल. अशोकाचे नाव घ्यायला हे लोक का घाबरतात काय माहित?

पंढरपूरचा विठ्ठल देव नव्हे धनगर महापुरूष

जय मल्हार सेवा संघ पंढरपूरचा विठ्ठल देव नव्हे धनगर महापुरूष ----------------------- पंढरपूरचा विठोबा वा विठ्ठल हा देव नसून पशुपालन करणा-या धनगरातील तो शूरवीर पुरूष आहे. शिळावर कोरलेल्या पूज्य वीरांच्या मुर्तींना वीरगळ असे म्हणतात. वीरगळ या शब्दाचा अर्थ वीरगती प्राप्त झालेला असा होतो. पशुंची चोरी करणारे दरोडेखोर ,हिंसक प्राणी, पशुपालक समुहांवर हल्ले करणारे शत्रू यांच्यापासून पशुंचे ,कुटूंबाचे तथा समाजाचे रक्षण करत असतांना वीरगतीस प्राप्त झालेल्यांची विरगळ बनविण्याची परंपरा धनगरात होती. अशी अनेक विरगळ महाराष्ट्र व कर्नाटकात मिळालेली आहे. विरगळ या शब्दाचा अपभ्रंश होऊन बिट्टिग झाला व बिट्टिग या शब्दाचा विठ्ठल हा शब्द झाला. सनातनी वैदिक ब्राम्हणांनी स्वस्वार्थासाठी महात्म्य, पोथी पुरणांची रचना करून धनगराच्या या वीर महापुरूषाला कृष्णाचा अवतार ठरवून हायजँक केलेले आहे. असे मत दुर्गा भागवत , डाँ. जी . ए. दलरी, डाँ. ग्युंथर सोनथायमर, डाँ. शं. गो. तुळपुळे, डाँ. माणिकराव धनपलवार, डाँ. रा. ची. ढेरे यांनी नोंदवलेले आहे. आतातरी धनगरांनी विठ्ठलाला देव न बनवता वीर पुरूष म्हणून स्वीकारले पाहिजे . देव

Shepherd boy "Attila the Hun":400 AD:Central Asia(Isa.400:Madhya Asia)

Image
Shepherd boy "Attila the Hun":400 AD:Central Asia(Isa.400:Madhya Asia) "Atole" surname is found in Dhangar(Shepherds) of Maharasthra. https://www.facebook.com/vinaykumar.madane/posts/733217200144031 Attila The Hun full movie https://www.youtube.com/watch?v=n0iFXdAJGMc

संस्मरणीय गोष्टी

संस्मरणीय गोष्टी  इ.स. १७६५ मध्ये मल्हारराव होळकर मरण पावले. तेव्हा त्यांची सून अहिल्याबाई होळकर ह्या जहागिरीची व्यवस्था पाहू लागल्या. त्यांचा कारभार प्रजेस अत्यंत सुखदायक झाल्यामुळे त्यांचे नाव उत्तर हिंदुस्थानात सर्वांच्या तोंडी होते. दुसरी गोष्ट म्हणजे महादजी शिंद्यांची दौलतीवर नेमणूक होणे ही गोष्ट होय. तिसरी संस्मरणीय गोष्ट म्हणजे साडेतीन शहाण्यांची प्रसिद्धी. निजामाचा दिवाण विठ्ठल सुंदर, भोसल्यांचा दिवाण जिवाजीपंत चोरघडे, व पेशव्यांकडील मुत्सद्दी सखाराम बापू हे त्‍या वेळी तीन शहाणे असे समजले जात. तर नाना फडणवीस हा, लढाया न खेळणारा, म्हणून अर्धा शहाणा मानला जाई. जिवा, सखा, विठा, नाना अशी संक्षिप्त रूपे वापरली जात.

"वाघ" म्हणतात धनगर जातीला ।।

"वाघ" म्हणतात धनगर जातीला ।।कपाळी लावतो महाराष्ट्रा च्या मातीला ।।डोंगराशी भिडवतो छातीला ।।तोड नाही जगात कुठेआमच्या हिम्मतीला ।।आम्ही रक्त पाजतो स्वतःचे तलवारीच्या पातीला ।।कारण पुजतो फक्त।। "मल्हाररावाना " ।।हाती काठी पाठीशी घोंगडं,काखेत झोळी कपाळी भंडार,डोंगर दर्या तुडवतो हा वाघ,सोबती त्याच्या मेंढरं,....असा हा माझा धनगर उन्हा थंडीत,पावसातं,रक्षण करे आपुल्या लेकरांचं,मनी नाही त्याच्या दुराभावं,निसर्गाचेही करीतो रक्षण,...असा हा माझा धनगरवेळ आली आणिबाणीची,झाले राज्यकर्ते अन म ायबाप,अवघ्या विश्वाचा केला उद्धार,चालविली भाला अन तलवार,....असा हा माझा धनगरमाता आमची अहिल्या होळकर,सकळ रयतेचा उद्धार,महिलांना दिले शिक्षण व संरक्षण,सगळी प्रजा नांदवीली सुखात,...असा हा माझा धनगरजागवा पुन्हा तो इतिहास,अन उपसा खड्ग व हत्यार,आरक्षण हा आपला हक्क,घेण्यास सज्ज माझा धनगर,...असा हा माझा धनगर समाजाचे भक्त आम्ही ,मरणाला घाबरणारनाही , होळकरांचे मावळे आम्ही ,मोडू पणवाकणार नाही , धनगराचे रक्त आमचे ,घातकधी करणार नाही आणि जरआमचा घातकोणी केला तर "अहिल्याची शपथ "घेऊनसांगतो उभा चिरेण

चिंता नव्हे चिंतन करा

चिंता नव्हे चिंतन करा ---------------------------------------- RSS पारिवारिक तसेच संघटनांशी निगडित धनगर व धनगरबाह्य समुह धनगरांना वारंवार मुस्लिमांची भीती दाखवून हिंदू खतरेमे है । हिंदू धर्म खतरेमें है । असे सतत बिंबवत असतात . तर मराठावादी संघटना ह्या केवळ ब्राम्हणांनाच धनगर - बहूजनांचे शोषण करणारे आहेत असे सतत बिंबवत असतात . त्यांना आपण विचारले पाहिजे. गेली 65 वर्ष धनगर जमातीच्या घटनादत्त ST आरक्षणात अडथळा आणणारे व आरक्षण लागू न करणारे मुस्लीम आहेत की प्रस्थापित ब्राम्हण -मराठे ? धनगरांच्या नैसर्गिक चराऊ कुरणांच्या जागा हडपून शाळा -महाविद्यालय, वसाहती, बंगले ,कारखाने यांची निर्मिती करून पशुंसह धनगरांची अन्नान दशा करणारे मुस्लिम आहेत की प्रस्थापित ब्राम्हण - मराठे ? धनगरांचा आरक्षित जागेचा राखीव कोटा जाणिवपूर्वक न भरणारे मुस्लिम आहेत की सत्ताधारी ब्राम्हण मराठे ? धनगरांना राजकिय सत्तेपासून दूर ठेवणारे व आजपर्यंत एकही खासदार धनगरांचा न होऊ देणारे मुस्लीम आहेत की ब्राम्हण - मराठे ? देव व धर्माची नशा पाजून अंधश्रद्धेच्या नशेत धनगरांना झिंगत ठेवणारे ब्राम्हणच आहेत. उठ सुठ मुस्लिमांची भ

भारतीय इतिहासातील पहिली महीला स्वातंत्र्यसेनानी व वाईट रुढीं परंपरांना झुगारणारी यशवंतराव कन्या शुर भीमाबाई होळकर यांची १५७ वी पुण्यतिथि (२८/११/१५) या रणशुर वीरांगणेस विनम्र अभिवादन .

Image
भारतीय इतिहासातील पहिली महीला स्वातंत्र्यसेनानी व वाईट रुढीं परंपरांना झुगारणारी यशवंतराव कन्या शुर भीमाबाई होळकर यांची १५७ वी पुण्यतिथि (२८/११/१५) या रणशुर वीरांगणेस विनम्र अभिवादन . https://www.facebook.com/photo.php?fbid=732570273542057&set=a.180648705400886.41517.100003672720193&type=3&theater

खबरदार! हिंदूंना असहिष्णु म्हणाल तर!

खबरदार! हिंदूंना असहिष्णु म्हणाल तर! आमच्याच धर्मात आम्ही सेकंड क्लास सिटीजन आहोत, अनेकदा तर थर्ड आणि फोर्थ क्लास, काही तर जातिबाहेरचे आऊटकास्ट, शूद्रातिशूद्र, आमची धर्मशास्त्रेसुद्धा हेच सांगतात, आमची पुराणेदेखील हेच सांगतात, तरी आम्ही हिंदू आहोत. खबरदार! हिंदूंना असहिष्णु म्हणाल तर! सर्व बडे नोकरशहा नि सर्व मोठे उद्योगपती, सर्व सेनाधिकारी नि सर्व मोठे न्यायाधीश, सर्व मोठे व्यावसायिक नि राज्यकर्त्या पक्षांचे धनी, यांत ऐंशी टक्के हिंदूंना काहीही स्थान नाही, तरी आम्ही हिंदू आहोत. खबरदार! हिंदूंना असहिष्णु म्हणाल तर! शतकानुशतके गावकुसाबाहेर राहूनही आम्ही हिंदूच आहोत, मंदिरात प्रवेश नसूनही आम्ही हिंदूच होतो, शिक्षणाची समान संधी नसूनही आम्ही हिंदूच आहोत, आमच्या सावलीचा विटाळ होता तरी आम्ही हिंदू होतो, देश भरभर श्रीमंत होतोय आणि आम्ही गरीब, तरी आम्ही हिंदू आहोत. खबरदार! हिंदूंना असहिष्णु म्हणाल तर! आम्ही मुस्लिम झालो की मौलवी होऊ शकतो, ख्रिश्चन झालो की पाद्री होऊ शकतो, बौद्ध भिक्षु नि जैन मुनीही होऊ शकतो, पण आमच्याच धर्मात आम्ही कधीही पुरोहीत होऊ शकत नाही, तरी आम्ही हिंदू आहोत. खब

Maharaja Yashwantrao Holkar :The one and only king in India who keep British on there knee.

Image
Maharaja Yashwantrao Holkar :The one and only king in India who keep British on there knee. https://www.facebook.com/photo.php?fbid=731133930352358&set=a.180648705400886.41517.100003672720193&type=3&theater

Shepherd warrior "Attila The Hun" full movie

Image
Shepherd warrior "Attila The Hun" full movie https://www.youtube.com/watch?v=n0iFXdAJGMc

छत्रपति शिवाजी की अनेक गुरिल्ला टुकडियों का निर्माण धनगरों ने किया था|

छत्रपति शिवाजी की अनेक गुरिल्ला टुकडियों का निर्माण धनगरों ने किया था| “ छत्रपति शिवाजी महाराज के विश्वासपात्र मावलों अथवा मराठों में अधिकांश धनगर जाति के वीरयोद्वा थे | मावल सेना में घाट, मावल और कोंकण प्रांत के रंगरुट भर्ती किये जाते थे | वहां के हटकर(धनगरों की एक उपजाति) जाति के सिपाही परम विश्वासी और पहाडी लडाई में बडें दक्ष होते थे | वे स्वयं अपने हथियार लाते थे | गोली, बारुद्व,बख्तर आदि लडाई का सामान राज्य देता था| वे लोग विलक्ष्ण लक्ष्य बेधक होते थे | पोशाक में जांघिया, कमरबंध और दुपट्टा रखते थे | मावाल प्रांत वाले प्राणों की बाजी लगाकर लडते थे | महाराणा प्रताप के जिस तरह भील सर्वस्य थे, उसी तरह छत्रपति शिवाजी के लिए धनगर अपना सर्वस्य बलिदान करते थे |”(4) मि0 आर0वी0 रसल लिखते है कि,” मराठा जाति सैंनि सेवा से अस्तित्व में आई है | यह कोई अलग जाति नहीं है | डफ ग्रांट ने लिखा है कि 15वीं 16वीं शताब्दी में बीजापुर और अहमदनगर के मुस्लिम सुलतानों के यहां सात परिवार निंबालकर, घारपुरे, भौंसला सैंनिक सेवा किया करते थे | उस समय वे कोई भी अपने को मराठा नहीं कहलाता था | पहली बार जब शिवाजी

सातारा जिल्ह्यातील.... कै.श्री.कर्नल.संतोष महाडिक... कुपवाडा (जम्मू-काश्मिर) येथे आतंकवाद्यांशी लढताना शहीद...

  💐 💐 भावपूर्ण श्रद्धांजली 💐 💐 सातारा जिल्ह्यातील.... कै.श्री.कर्नल.संतोष महाडिक... कुपवाडा (जम्मू-काश्मिर) येथे आतंकवाद्यांशी लढताना शहीद... ते 41 राष्ट्रीय रायफल (41RR) चे कर्नल(CO) होते... आज सायंकाळी चार वाजता त्यांना वीरगती मिळाली... अशा या धनगर मराठी शूरवीरास सॅल्यूट आणि मानाचा मुजरा... 18 th Nov

गाथा धनगरांची या शिर्षकाची धनगरांच्या इतिहासा संबंधी एक पोस्ट अनेक ग्रुपवर फिरत आहे....ती बद्दल थोडे...

गाथा धनगरांची या शिर्षकाची धनगरांच्या इतिहासा संबंधी एक पोस्ट अनेक ग्रुपवर फिरत आहे....ती बद्दल थोडे... भिमाबाई होळकर यांचा लढा हा इंग्रजा विरुध्द होता (ब्राह्मणा विरुध्द नव्हे) कित्तुर संस्थानचे सेनापती सांगोळी चे रायण्णा यांचा लढा इंग्रजा विरुध्द होता.(ब्राह्मणा विरुध्द नाही) बी. के .कोकरे साहेब यांनी जी क्रांतीची मशाल पेटवली होती ती प्रस्थापित मराठा प्रवृत्या विरुध्द .(ब्राह्मणा विरुध्द नव्हे) या भारताचा आद्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य यांचा संसदभवन गेट समोरील पुतळा इंग्रजांनी बसवला आहे.(डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकर यांनी नव्हे) आपल्या समाजा समोर समाजाचा चुकीचा इतिहास जावु नये यांची दक्षता आपण सर्वांनी घ्यायला हवी .

About "Sarakatsani" Shepherds of "Greece"

Image
About "Sarakatsani" Shepherds of "Greece" "Sarak" clan is also found in "Shepherds of Maharasthra". Origin:As per grant of "Solanki" king Dharasena-ll of Vallabhi,Gujrath "Solankis" and "Suls" have origin from Saraks.This inscription is dated of Gupta period (400 AD).As per Upendra Thakur Solanki(Chalukya) have origin from "White Huns"."Chuluk" people are still found in "Central Asia". Culture: Today, almost all Sarakatsani have abandoned their nomadic way of life and assimilated to mainstream modern Greek life, but there have been efforts to preserve their cultural heritage. The traditional Sarakatsani settlements, dress and costumes make them a distinct social and cultural group, as part of the collective Greek heritage, and they do not constitute an ethnic minority.Their folk art consists of song, dance, poetry, as well as some decorative sculpture in wood and embroidery on th

"Hindu-Jat" and "Sikh-Jat"

Image
"Hindu-Jat" and "Sikh-Jat" Below is the classic "Jat-Sikh Scythian" look. Dhangar,Kharat,Maan,Khatal,Thengil,More,Bargi,Bhais/Bhise,Dhavan,Deval,Sul,Taur/Tanwar/Tomar/Thombre,Gaur/Ghori/Gor/Gore,Gorad,Madaan,Khurd/Kurd etc.surnames of Dhangars (Shepherds) of Maharasthra are also found in "Hindu-Jats" https://www.facebook.com/photo.php?fbid=727447760720975&set=a.180648705400886.41517.100003672720193&type=3&theater

Ya Mahan Balirajacha Achuk kalkhand koni sangu shakel kay??

Image

"HUN invasion of Europe (Huno ka Europe Akraman)"

Image
"HUN invasion of Europe (Huno ka Europe Akraman)" Below is a depiction of a scene which befell hundreds of thousands of Whites. A raiding non-White nomadic (Huns) party attacks a Roman villa, killing the males and carrying off the White women for sexual slavery. https://www.facebook.com/photo.php?fbid=726847780780973&set=a.180648705400886.41517.100003672720193&type=3&theater

तराइन युद्ध

तराइन युद्ध तराइन में 1191 में जो युद्ध हुआ उसमें ग़ोरी सेना के पाँव उखड़ गए और स्वयं मुइज्जुद्दीन मुहम्मद की जान एक युवा ख़िलज़ी घुड़सवार ने बचाई। सं. 1191 जब पृथ्वीराज से मुहम्मद गौरी की विशाल सेना का सामना हुआ, तब राजपूत वीरों की विकट मार से मुसलमान सैनिकों के पैर उखड़ गये। स्वयं गौरी भी पृथ्वीराज के अनुज के प्रहार से बुरी तरह घायल हो गया था। यदि उसका ख़िलजी सेवक उसे घोड़े पर डाल कर युद्ध भूमि से भगाकर न ले जाता, तो वहीं उसके प्राण पखेरू उड़ जाते। उस युद्ध में गौरी की भारी पराजय हुई थी और उसे भीषण हानि उठाकर भारत भूमि से भागना पड़ा था। भारतीय राजा के विरुद्ध युद्ध अभियान में यह उसकी दूसरी बड़ी पराजय थी, जो अन्हिलवाड़ा के युद्ध के बाद सहनी पड़ी थी। पृथ्वीराज अब भटिंडा की ओर मुड़ा और तेरह महीनों के घेरे के बाद उसे अपने क़ब्ज़े में कर लिया। लेकिन इसके बावजूद उसने पंजाब से ग़ोरियों को खदेड़ने का कोई प्रयास नहीं किया। शायद उसे ऐसा लगा हो कि तुर्कों के बार-बार हो रहे आक्रमणों में से यह भी एक हो और ग़ोरी शासक बस पंजाब पर शासन कर संतुष्ट रहें। बताया जाता है कि तराइन की दूसरी लड़ाई के पू