शतपथ ब्राह्मण मेंयाज्ञवल्क्य एक जगह जवाब देते हैं- ‘मगर मैं मांस खा लेता हूं, अगर मुलायम होतो।’
शतपथ ब्राह्मण मेंयाज्ञवल्क्य एक जगह जवाब देते हैं- ‘मगर मैं मांस खा लेता हूं, अगर मुलायम होतो।’ आपस्तंब धर्मसूत्र के अनुसार, ‘ गाय और बैल पवित्र हैं, इसलिए खाये जानेचाहिए।’ ऋग्वेद में इंद्र का कथन है, ‘‘ वे मेरे लिए 15 बैल पकाते हैं, जिनका मैंवसा खाता हूं। इस खाने से मेरा पेट भर जाता है।’’ मनु के अनुसार, ‘‘पंचनखियोंमें सेह, साही, शल्लक, गोह, गैंडा, कछुआ, खरहा तथा एक और दांत में पशुओं मेंउूंट को छोड़कर बकरे आदि पशु भक्ष्य हैं।’’ इन कथनों के अलावा और भी ढेरोंश्लोकों का उदाहरण देकर अंबेदकर ने साबित किया है कि हिंदुओं के धर्मग्रंथ भीउनके मांसाहारी होने का समर्थन करते हैं।
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