भारत की ज्यादातर व्यवसायिक जातियाँ मेषपाल पुरुष और ब्राह्मण स्त्रियों के संबंध से निर्माण हुई हैI
भारत की ज्यादातर व्यवसायिक जातियाँ मेषपाल पुरुष और ब्राह्मण स्त्रियों के संबंध से निर्माण हुई हैI ब्राह्मण मेषपालो की पुरोहित जाति हैI ब्राह्मणों का स्वतंत्र कबीला होता थाI सुंदर ब्राह्मण और नाई(Barber) स्त्रियां मेषपाल राजा और सरदारों को बेहद पसंद थीI इतिहास में इसके उदाहरण हैI नंद वंश मेषपाल राजा और ब्राह्मण या नाई स्त्री की संतान थेI लेकिन राजा की बाकी संतान(Half Brothers) उनका द्वेष करती थी ये मुझे गलत लगता हैI इसी कारण इतिहास में हत्याकांड हो गएI
मेरे चचेरे भाई ने सुंदर चमार(मराठी: चांभार) लडकी से शादी की है( वो अब गाव नही आता ये अलग बात है)I मेषपाल पुरुष और ब्राह्मण या नाई स्त्रियों के संतान को जायदाद में हिस्सा मिलता थाI इसी कारण मेरे गाव में ब्राह्मण और नाई लोगों के पास भरपूर जमीन हैI मेरे गाव के मेषपाल, ब्राह्मण और नाई लोगों के उपनाम(Surname) भी एक ही हैI इसी कारण मेषपाल और ब्राह्मणों के 50% डीएनए एक ही हैI
धार्मिक स्थलों पर बाल काटना, चमड़े का काम और भेड़-बकरियों की ऊन(मराठी: लोकर) से कम्बल(blanket) तैयार करना ब्राह्मणों का मुख्य व्यवसाय थाI वेदों में गांधार देश की प्रसिद्ध ऊन(मराठी: लोकर) का बडा ही विस्तृत रूप से जिक्र किया हैIउनमें से कुछ लोग पुरोहित बनते थे जैसे भेड़-बकरिया पालना मेषपालो का मुख्य व्यवसाय थाI उनमें से कुछ लोग राजा और सरदार बनते थेI
सिंधी और खत्री लोग(कपुर,चोपडा,मल्होत्रा, मेहरा ,टंडन, खन्ना, अरोरा इत्यादि) भी भेड़-बकरियों की ऊन से कम्बल(blanket) तैयार करने का काम करते थेI कपुर,चोपडा और मल्होत्रा तीनों को मिलाकर ढाई घर(मराठी:धायगुडे) कहा जाता है क्योंकि तीन संख्या शुभ नही होतीI उसी तरह भारत के धनगरों की साडे तीन मुख्य उप- जातियाँ इस प्रकार है:मेषपाल(पाल/हटकर/गडरिया/कुरुबा इत्यादि), गोपाल(यदु या अहिर या गवली) या भैस पाल(म्हसकर या गुज्जर या गुर्जर) और खुटेकर(भेड़-बकरियों की ऊन से कम्बल तैयार करने वाले)I
आधी उप-जाति को खटीक(Butcher) कहा जाता हैI साडे तीन अंक को हिन्दू धर्म मे विशेष महत्त्व हैI खटिक जाति मूल रूप से वो ब्राहमण जाति है, जिनका काम आदि काल में याज्ञिक पशु बलि देना होता था। आदि काल में यज्ञ में बकरे की बलि दी जाती थी। अग्नि देव का वाहन मेष थाI गुजराथी और मारवाडी लोग गुर्जरों से संबंधित हैI
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