दक्षिण भारत में कलचुरी शासन:
अभीर/अहीर– कालचुर्य (कलचूरी) युग।
कालचुर्य कुलदेवी माँ महामाया तथा इष्ट देवता हाटकेश्वर महादेव की जय हो!
कालचुर्य कुलदेवी माँ महामाया तथा इष्ट देवता हाटकेश्वर महादेव की जय हो!
दक्षिण भारत में कलचुरी शासन:
भारत वर्ष के प्राचीन इतिहास में कलचुरी नरेशों का स्थान कई दृष्टियों में विशिष्ट है | संवत 550 से 1740 तक लगभग 1200 वर्षों की अवधि में कलचुरी नरेशों ने भारत के उत्तर तथा दक्षिण स्थित किसी न किसी प्रदेश में अपना राज्य चलाया है | भारत वर्ष के इतिहास में ऐसा कोई भी राजवंश नहीं हुआ जिसने इतने लम्बी अवधि तक अपना राज्य चलाया हो | इस वंश ने उत्तर भारत और दक्षिण भारत दोनों पर अलग-अलग समय पर राज किया है |
भारत वर्ष के प्राचीन इतिहास में कलचुरी नरेशों का स्थान कई दृष्टियों में विशिष्ट है | संवत 550 से 1740 तक लगभग 1200 वर्षों की अवधि में कलचुरी नरेशों ने भारत के उत्तर तथा दक्षिण स्थित किसी न किसी प्रदेश में अपना राज्य चलाया है | भारत वर्ष के इतिहास में ऐसा कोई भी राजवंश नहीं हुआ जिसने इतने लम्बी अवधि तक अपना राज्य चलाया हो | इस वंश ने उत्तर भारत और दक्षिण भारत दोनों पर अलग-अलग समय पर राज किया है |
दक्षिण भारत में कलचुरी शासन –
कलचुरियों ने दक्षिण भारत से कल्याणी के चालुक्यों को उखाड़ फेंका और एक विशाल साम्राज्य की स्थापन किये | उन्होंने मंगलवेदा को अपनी राजधानी बनाई |
दक्षिण भारत में प्रमुख कलचुरी शासक
• उचिता
• असागा
• कन्नम
• किरियासगा
• बिज्जाला I
• कन्नमा
• जोगमा
• बिज्जाला II (1130-1167) -1162 में स्वतंत्रता की घोषणा की |
• सोविदेव (1168-1176)
• मल्लुगी (भाई संकर्मा द्वारा गद्दी से हटाया गया)
• संकर्मा (1176- 1180)
• अश्वमल्ल (1180-1183)
• सिन्घन (1183-1184)
https://www.facebook.com/vinaykumar.madane/posts/684024421729976
कलचुरियों ने दक्षिण भारत से कल्याणी के चालुक्यों को उखाड़ फेंका और एक विशाल साम्राज्य की स्थापन किये | उन्होंने मंगलवेदा को अपनी राजधानी बनाई |
दक्षिण भारत में प्रमुख कलचुरी शासक
• उचिता
• असागा
• कन्नम
• किरियासगा
• बिज्जाला I
• कन्नमा
• जोगमा
• बिज्जाला II (1130-1167) -1162 में स्वतंत्रता की घोषणा की |
• सोविदेव (1168-1176)
• मल्लुगी (भाई संकर्मा द्वारा गद्दी से हटाया गया)
• संकर्मा (1176- 1180)
• अश्वमल्ल (1180-1183)
• सिन्घन (1183-1184)
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