धार्मिक स्थलों पर बाल काटना, चमड़े का काम और भेड़-बकरियों की ऊन(मराठी: लोकर) से कम्बल(blanket) तैयार करना ब्राह्मणों का मुख्य व्यवसाय थाI

धार्मिक स्थलों पर बाल काटना, चमड़े का काम और भेड़-बकरियों की ऊन(मराठी: लोकर) से कम्बल(blanket) तैयार करना ब्राह्मणों का मुख्य व्यवसाय थाI वेदों में गांधार देश की प्रसिद्ध ऊन(मराठी: लोकर) का बडा ही विस्तृत रूप से जिक्र किया हैIउनमें से कुछ लोग पुरोहित बनते थे जैसे भेड़-बकरिया पालना मेषपालो का मुख्य व्यवसाय थाI उनमें से कुछ लोग राजा और सरदार बनते थेI

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