जाटों का इतिहास:



मुग़ल सल्तनत के आखरी समय में जो शक्तियाँ उभरी; जिन्होंने ब्रजमंडल के इतिहास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन जाट सरदारों के नाम इतिहास में बहुत मशहूर हैं । जाट मुख्यतः खेती करने वाली जाति है; लेकिन औरंगजेब के अत्याचारों और निरंकुश प्रवृति ने उन्हें एक बड़ी सैन्य शक्ति का रूप दे दिया । मुग़लिया सल्तनत के अन्त से अंग्रेज़ों के शासन तक ब्रज मंड़ल में जाटों का प्रभुत्व रहा । इन्होंने ब्रज के राजनीतिक और सामाजिक जीवन को बहुत प्रभावित किया । यह समय ब्रज के इतिहास में 'जाट काल' के नाम से जाना जाता है । इस काल का विशेष महत्त्व है ।
राजनीति में जाटों का प्रभाव
ब्रज की समकालीन राजनीति में जाट शक्तिशाली बन कर उभरे ।
जाटों के क्रियाकलाप
इन जाट राजाओं ने ब्रज में हिन्दू शासन को स्थापित किया । इनकी राजधानी पहले डीग थी, फिर भरतपुर बनायी गयी । महाराजा सूरजमल और उनके बेटे जवाहर सिंह के समय में जाट राज्य बहुत फैला, लेकिन धीरे धीरे वह घटता गया । भरतपुर, मथुरा और उसके आसपास अंग्रेज़ों के शासन से पहले जाट बहुत प्रभावशाली थे और अपने राज्य के सम्पन्न स्वामी थे ।

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