दक्षिण के पठार पर पाए जाने वाले लोगों के लिए हैडन ने द्राविड़ शब्द का उपयोग किया है। यहाँ इनके अनुसार ये तत्त्व पाए जाते हैं-
(1)पश्चिमी चौड़े सिर वाले लोग गुजरात से लगाकर पश्चिमी तट पर केरल में मिलते हैं। नागर ब्राह्मण, प्रभु,मराठा, कुर्ग आदि इनके प्रतिनिधि हैं।
(2) द्राविड़-मालाबार तट और केरल के निवासी, जिनमें नय्यर, बड़ागा, तियान, कनारी हिन्दू, इजूवान और तमिल ब्राह्मण सम्मिलित हैं। ये लोग तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषा बोलते हैं।
(3)दक्षिणी चौड़े सिर वाले लोग बेल्लारी से लगाकर तिरुनलवैली ज़िले तक फैले हैं। पनियान और पराबा मछुए इनके प्रतिनिधि हैं।
(4) पूर्व द्राविड़-सन्थाल, पनियान, कडार, कुरुम्बा, इरूला, कन्नीकर, कौंध, भील, गोंड, कोलारी और मुण्डा लोग इसके उदाहरण हैं। ये नाटे काले से भूरे रंग के लहरदार घुंघराले बाल वाले और चौड़ी नाक वाले होते हैं।
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