शक संवत:



शक संवत:
सातवाहन सम्राट गौतमीपुत्र सातकर्णि ने ईसा पूर्व.४३३ में क्षहरात(खरात) वंश के शकों को पराजीत किया थाI
ईसा पूर्व.३५० में कर्दम वंश के पितामह चष्टन ने क्षहरात वंश के महाक्षत्रप  नहपान द्वारा खोए हुए कुछ प्रदेशों को सातवाहनों से पुनः जीतकर उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया था और शक संवत की शुरुआत कीI
पितामह चष्टन के पौत्र महाक्षत्रप  रुद्रदामन  ने पश्चिमी शक  क्षत्रप साम्राज्य का मालवा से सिंध प्रान्त और गुजरात से महाराष्ट्र तक विस्तार कियाI


शकारि विक्रमादित्य
सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय(विक्रमादित्य) ने ईसा पूर्व.२५० में कर्दम वंश के शकों को पराजीत करके शकारि विक्रमादित्य उपाधि ग्रहण की। सम्राट ने शकों की उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया I
विक्रम संवत:
गुप्त साम्राज्य पर जीत के बाद सेनगर वंश के शक  सम्राट विक्रमादित्य ने ईसा पूर्व.५७ में विक्रम संवत  की शुरुआत कीI
शालिवाहन शक:
चैत्र शुद्ध प्रतिपदा (ईसा. ७८) में प्रतिष्ठान(पैठण) के क्षहरात (खरात) वंश के शक सम्राट "सालाहन" (शालिवाहन) ने उज्जैन के शक सम्राट विक्रमादित्य के वंश पर जीत के बाद शक  संवत की शुरुआत कीI

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