जातिवाद का षड्यंत्र(Conspiracy behind Indian caste System)




ब्राह्मणों को इस देश को अपने नियंत्रण मे रखना थाI इस प्रक्रिया में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती ईरानी आर्यों(हटकर/ मराठा धनगर, गुर्जर, पाल, गडरिया, अभिरा इत्यादि) की थीI ईरानी आर्यों का पतन करने के लिये उन्होंने सिथियन(राजपूत) और नागवंशी(मराठा अहीर/अहीरराव, जाट इत्यादि) क्षत्रियो को वैदिक क्षत्रिय की मान्यता दीI ईरानी आर्यों में भी नागवंश हैI ईरानी आर्य मौर्य नागवंशी थेI मौर्य साम्राज्य का सेनापति ब्राह्मण पुष्यमित्र शुंग ने अन्तिम मौर्य सम्राट (बृहद्रथ) की सैन्य समीक्षा के दौरान हत्या कर दी और अपने आपको राजा उद्घोषित किया और शुंग साम्राज्य स्थापित किया। उसके बाद उसने अश्वमेध यज्ञ किया और उत्तर भारत का अधिकतर हिस्स अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया। वैदिक परंपरा का आचरण ईसी काल में हो गयाI मनुस्मृति भी इसी काल में लिखि गईI
गुप्त राजवंश के पतन के बाद ब्राह्मणों ने सिथियन(राजपूत) क्षत्रियो को वैदिक क्षत्रिय की मान्यता दीI ईरानी आर्यों को व्यवस्था ने शुद्र बना दियाI उनको सत्ता और शिक्षा से दूर रखा गयाI
नागवंशी क्षत्रिय महाराष्ट्र में शक्तिशाली हो गयेI नागवंशी -जाट हरियाणा में शक्तिशाली हो गयेI महाराष्ट्र में नागवंशी क्षत्रियो के बढ़ते प्रभाव के कारण ब्राह्मणों की चिंता बढ़ती गईI उन्होंने नागवंशी क्षत्रियो का वैदिक क्षत्रिय, कुणबी/ कुर्मी और शुद्र(दलित) में विभाजन किया और आपस में द्वेष भावना का निर्माण कियाI
ब्राह्मण सामाजिक एकता के विरूद्ध है I उनको समाज में जातीभेद कायम रखना है ताकि भारत पर संख्या कम होने बावजूद भी राज उनका ही रहेI

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