पीला रंग:धार्मिक मान्यता




धनगर पीला रंग और वैदिक भगवा रंग मिलकर हिंदू धर्म की निर्मिती हो गई हैI महाराष्ट्र की हटकर धनगर, गुर्जर और कुछ राजपूत जाति के ध्वज मे पीला और भगवा दोनों रंग का समावेश हैI पश्चिम यूरेशिया मे ये लोग हट्टी, पाला गुर्जर, अभिरा/अहीर इत्यादि नामों से जाने जाते थेI उस समय ये लोग वैदिक क्षत्रिय(आर्य क्षत्रिय) थेI
पीला रंग:धार्मिक मान्यता
भगवान कृष्ण को पीतांबरधारी भी कहते हैं, क्योंकि वे पीले रंग के वस्त्रों से सुशोभित रहते हैं। दरअसल, पीला रंग शुद्ध और सात्विक प्रवृत्ति का परिचायक है। यह सादगी और निर्मलता का भी प्रतीक है। सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु को भी पीला रंग प्रिय है। पीला रंग धारण करने से हमारी सोच सकारात्मक होती है। यह हमारे सृजन का भी प्रतीक है। यह हमें परोपकार करने की प्रेरणा देता है।
धनगर समाज की अपनी खुद की प्राचीन सिद्ध परंपरा और पीले रंग का ध्वज हैI समाज के पुरोहित को सिद्ध कहा जाता हैI वैदिक पुरोहित होतार सिद्ध का वैदिक रूप हैI वैदिक अग्निदेव का वाहन मेष हैI धनगर समाज की देवता पत्थर की बनी होती हैI उसे सिन्दूर लगाया जाता हैI भगवान की मंदिर में पूजा करने की परंपरा धनगरों की हैI भगवान की मंदिर में पूजा करना वैदिक परंपरा नहीं हैI
जब आर्य उत्तर ध्रुव से पश्चिम यूरेशिया पहुंचे तब भारतीय धनगर(दक्षिण एशियाइ पुरुष/South Asian males) पश्चिम एशिया पर राज्य करते थेI उन्होंने आर्य महिलाओं (पश्चिम यूरेशियन महिलाओं/West Eurasian females) से शादी की और आर्यों की वैदिक सभ्यता का स्विकार कियाI
http://vinaykumarmadane.blogspot.in/

https://www.facebook.com/vinaykumar.madane/posts/607372119395207

Comments

Popular posts from this blog

धनगर समाजातील आडनावे-

List of Hatkar clans

About 108 clans(108 कुळ/कुल) of Dhangars and 22 sub castes (22 पोट जाती).