विक्रम संवत :ईसा पूर्व.५७



सेनगर वंश के चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य विश्वविजेता थेI

किसी विक्रमादित्य राजा के विषय में, जो . पू. 57 में था, सन्देह प्रकट किए गए हैं यह अफसोस की बात हैI
सम्राट विक्रमसेन(विक्रमादित्य) प्राचीन सेनगर-सातवाहन शक  वंश के थेI
नाबोवाहन के पुत्र राजा गंधर्वसेन भी चक्रवर्ती सम्राट थे।
गंधर्वसेन के पुत्र विक्रमादित्य और भर्तृहरी थे।
शाक्य और मौर्य/मोरी भी प्राचीन मेषपाल सेनगर-शक वंश की एक शाखा थीI
नागवंशी सेनगर (सनगर)- मोरी अग्निकुंड के बाद अग्निवंशी प्रतिहार/ परमार कहलाएI
परमार राजा भोज सम्राट विक्रमादित्य के वंशज थे।
विक्रमादित्य और राजा भोज की सिंहासन बत्तीसी की कहानियाँ प्रसिद्ध हैI
गुप्त साम्राज्य पर जीत के बाद शक  सम्राट विक्रमादित्य ने विक्रम विक्रम संवत की शुरुआत कीI
विक्रम संवत :ईसा पूर्व.५७
ईसा पूर्व.२५०

The ancient inscriptions in the Pali Buddhist character have been discovered in various parts of Rajasthan of the race of Taxak or Tak (Naga race), relating to the tribe Mori and Parmara are their descendants.Taxak Mori  was the lord of Chittor from very early period.
The Huna Kingdom of Sialkot (of Mihir Kula 515-540 AD), destroyed by Yashodharman, was subsequently seized by a new dynasty called Tak or Taxaka. The Taxak Mori as being lords of Chittor from very early period and few generations after the Guhilots supplanted the Moris.


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