कैसे बन गये आर्य भिल्ल
भिल्ल और आर्यों के बहुत सारे उपनाम(Surname) और डीएनए एक ही हैI हर चतुर्थ युग की समाप्ति के बाद यानी की कलयुग के आखिर में पूरे विश्व में वैदिक काल शुरू होता हैI पशुपालन आर्यों का मुख्य व्यवसाय होता हैI पशुधन(Cattel wealth) को बहुत ही महत्त्व होता हैI द्वापर युग मे पशुधन के लिए युद्ध होता हैI उसके बाद साम्राज्यों की निर्मिती होती हैI जो आर्य युद्ध में हारते है ऊन आर्यों के पास पशुधन नही बचताI वो लोग कोई और व्यवसाय करते है या भिल्ल के साथ मिलते हैI यानी के जो आर्य आखिर तक विजेता रहे वो आज पशुपालक हैI
भिल्ल और आर्यों के बहुत सारे उपनाम(Surname) और डीएनए एक ही होने के यही कारण हैI बहुत सारे भिल्ल का आर्यों के साथ रहकर विकास हो गयाI वो लोग आपस में शादी करने लगेI रामोशी, वंजारी, बंजारा, भंडारी,Bunt(शेट्टी/राय) इत्यादि लोग मुल भिल्ल वंशी हैI Bunt(शेट्टी/राय) लोग प्रभु रामचंद्र के सैनिक(वानर सेना) थेI
जब उत्तर भारत,बिहार, बंगाल और महाराष्ट्र के देशस्थ ब्राह्मण और भूमध्यसागरीय द्रविड़(अहीर,J2 Lineage) भारत आये थे तब उनके साथ स्त्रियाँ कम थीIउन्होंने भारत की द्रविड़ भिल्ल और नाग(मंगोल) स्त्रियों से शादी कीI(They married to paleolithic womens)
राजपूत और बंजारा परंपरा,उपनाम(Surname) और डीएनए लगभग एक ही हैI यानी के राजपूत आर्य और बंजारा का संयोग हैI बहुतांश जाट, राजपूत, रेड्डी ,भिल्ल ,रामोशी, वंजारी, बंजारा, भंडारी Bunt(शेट्टी/राय), मुदुराजा-कोळी इत्यादि लोग आर्य, नाग(मंगोल) और बंजारा(वानर/ भिल्ल वंश) का संयोग हैI
राजपूत और बंजारा परंपरा,उपनाम(Surname) और डीएनए लगभग एक ही हैI यानी के राजपूत आर्य और बंजारा का संयोग हैI बहुतांश जाट, राजपूत, रेड्डी ,भिल्ल ,रामोशी, वंजारी, बंजारा, भंडारी Bunt(शेट्टी/राय), मुदुराजा-कोळी इत्यादि लोग आर्य, नाग(मंगोल) और बंजारा(वानर/ भिल्ल वंश) का संयोग हैI
Banjaras ,Vanjaras &Bhandari :
Van => Ban = forest Vanara => Vanachara => Vanjara => Banjara Vanjara = Banjara = The men who moves in the forest
Vanar=>Bandar=>Bandari=>Bhandari
I THINK APP SAHI HAI RAJPUT,BANJARA EVUM BHIL EKHI HAI MERA FAMILY MAE KAHATHAE HAI KI HAE TINO JATHIYA BROTHERS HAI
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