अभीर(अहीर)– कालचुर्य (कलचूरी) युग।



कालचुर्य कुलदेवी माँ महामाया तथा इष्ट देवता हाटकेश्वर महादेव की जय हो!
प्राचीन मेसोपोटेमिया (सुरप्रदेश/सुमेरिया/सिरिया) के अभीर या सुराभीर नाग की ओर से विश्व को कृषिशास्त्र, गोवंशपालन या पशुपालन आधारित अर्थतंत्र, भाषा लेखन लिपि, चित्र व मूर्तिकला, स्थापत्य कला (नगर शैली), नगर रचना (उन्ही के नाम से नगर शब्द), खाध्यपदार्थो मे खमीरिकरण या किण्वन (fermentation) प्रक्रिया की तकनीक (अचार, आटा/ब्रेड/नान, घोल/batter, सिरका, सुरा) इत्यादि जैसी सदैव उपयोगी भेट मिली है जो वर्तमान युग मे भी मानव जीवन और अर्थतन्त्र की द्रष्टि से अति महत्वपूर्ण है।

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