सम्राट हर्षवर्धन (ईसा.600)
सम्राट हर्षवर्धन (ईसा.600)
**वंश परिचय**
सम्राट हर्षवर्धन बैसला गुर्जर(भैसपाल/डांगे धनगर) –बैस(धनगर राजपूत) वंश में पैदा हुए थे। इसके प्रमाण समकालीन महाकवि बाणभट्ट के हर्षचरित और चीनी यात्री हुएन त्सांग के यात्रा विवरणों से प्राप्त होते है।
सम्राट हर्षवर्धन बैसला गुर्जर(भैसपाल/डांगे धनगर) –बैस(धनगर राजपूत) वंश में पैदा हुए थे। इसके प्रमाण समकालीन महाकवि बाणभट्ट के हर्षचरित और चीनी यात्री हुएन त्सांग के यात्रा विवरणों से प्राप्त होते है।
सम्राट हर्षवर्धन की वंशावली:
ब्रह्मा-प्रजापति -कुश(श्रीराम के बेटे कुश नही)-कुशनाभ -राजा गाधि -राजा/ऋषि विश्वामित्रा-कौशिक- नागा पुण्डरीक/ पुंडलिक राजा/ऋषि- पुंड्र/ औंड्र धनगर- राजा विट्ठल-हट्टी हटकर,गुर्जर,पाल,अहीर-कुषाण सम्राट कनिष्क द ग्रेट-खरात(क्षहरात), शिंदे और सुळे/शक/पश्चिमी क्षत्रप /Western Satraps/Saka -शक सम्राट शालिवाहन- पुंडीर- परिहार/ गुर्जर प्रतिहार वंश-गुर्जर सम्राट मिहिर भोज- बैसला गुर्जर(भैसपाल/डांगे धनगर) –बैस(धनगर राजपूत)- सम्राट हर्षवर्धन महान-गवली धनगर- छत्रपति शिवाजी.
ब्रह्मा-प्रजापति -कुश(श्रीराम के बेटे कुश नही)-कुशनाभ -राजा गाधि -राजा/ऋषि विश्वामित्रा-कौशिक- नागा पुण्डरीक/ पुंडलिक राजा/ऋषि- पुंड्र/ औंड्र धनगर- राजा विट्ठल-हट्टी हटकर,गुर्जर,पाल,अहीर-कुषाण सम्राट कनिष्क द ग्रेट-खरात(क्षहरात), शिंदे और सुळे/शक/पश्चिमी क्षत्रप /Western Satraps/Saka -शक सम्राट शालिवाहन- पुंडीर- परिहार/ गुर्जर प्रतिहार वंश-गुर्जर सम्राट मिहिर भोज- बैसला गुर्जर(भैसपाल/डांगे धनगर) –बैस(धनगर राजपूत)- सम्राट हर्षवर्धन महान-गवली धनगर- छत्रपति शिवाजी.
Ancestry
Xuanzang, the well known Chinese scholar,
traveller, and translator who described the interaction between China and India
in the Harsha period, stated that Harsha was of a Kanojia caste
According
to Alexander Cunningham,
Xuanzang might have mistaken the Vaisa for Bais clan
though, Thomas Watters has pointed out this is most unlikely as Xuanzang,
"had ample opportunities for learning the antecedents of the royal family,
and he must have had some ground for his assertion, moreover, Xuanzang had an
expert knowledge of Sanskrit and the caste system, which he discusses, in some
detail in his book. He mentions that rulers traditionally belonged to the
Kshatriya caste and his specific mention that Harsha was a feishe was probably because this was an
uncommon occurrence. However, Banabhatta clarifies that the Bais Rajput descent
must have been correct considering the Harshacarita the author Bâna never stated
his background to be strangely non Kshatriya. Harsha's Royal descent being
known (rulers of Sthanvisvara, modern Thanesar) and his sister being married
into prominent Kshatriya families of Maukharis. (a highly contentious
occurrence, had Harsha's family not been of royal or Kshatriya descent).
Moreover, upon his formal coronation ceremony, Harsha took the title Rajputra
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