आजसे चार हजार वर्ष पूर्व आज के पश्चिम यूरेशिया के तुर्की (एशिया माइनर/ प्राचीन आनातोलिया ) देश में भारत के हट्टी, गुर्जर और पाल-मेष पाल(An Aristocratic Class) द्वारा हट्टी /हिटाइट साम्राज्य के स्थापना का इतिहास
History of Foundation of
Hatti/Hittite Empire(BCE 2700-1000) by Hatti shepherds of India in Turkey(Asia
Minor/Ancient Anatolia).
Aristocrats is a broad term
that usually refers to people that a particular social order considers the
highest social class of that society
About Hatti/Hittite:
In India, the Hittites were also known as Cedis or Chedis (pronounced Hatti or Khetti). Indian historians classify them as one of the oldest castes of the Yadavas. "The Cedis formed one of the most ancient tribes among the Ksatriyas (the aristocratic class made up of Hittites and Kassites) in early Vedic times. As early as the period of the Rgveda the Cedi kings had acquired great reknown... they were one of the leading powers in northern India in the great epic." (Yadavas Through the Ages, p. 90 by Dr.J.N.Singh Yadav)
In India, the Hittites were also known as Cedis or Chedis (pronounced Hatti or Khetti). Indian historians classify them as one of the oldest castes of the Yadavas. "The Cedis formed one of the most ancient tribes among the Ksatriyas (the aristocratic class made up of Hittites and Kassites) in early Vedic times. As early as the period of the Rgveda the Cedi kings had acquired great reknown... they were one of the leading powers in northern India in the great epic." (Yadavas Through the Ages, p. 90 by Dr.J.N.Singh Yadav)
Jerusalem was a Hittite (Indian hereditary leadership caste) city at the time of Abraham's death. In Genesis 23:4, Abraham asked the Jerusalem Hittites to sell him a burial plot.
हट्टी कैस्पियन सागर (कश्यप सागर) और काला समुद्र के बीच रेहनेवाले मेष पाल थेI मेषपालन और खेती उनका मुख्य व्यवसाय थाI उन्होंने मेष की ऊन
(Wool/मराठी-लोकर) से बने कपडे, कंबल(Blanket) और खेती के आधार से मेसोपोटामिया के सुमेर शहर से व्यापार बढायाI प्राचीन मेसोपोटामिया के क्षेत्र मे अभी भारतीय ऊन के सबूत मिले है। जो धनगर मेषपालन करते हैं उन्हें हटकर कहते है और जो ऊन से कंबल बनाते है उन्हें खूटेकर कहते हैI
उन्होंने लोह
(Iron) को स्वर्ण (Gold) से पाच गुना मूल्यवान समझाI लोह और व्यापार से उन्हें आर्थिक समृद्धि आ गयीI उन्होंने पहाड़ी पर 2500 मे हतुसा शहर की स्थापना
ऊन (Wool/मराठी-लोकर) मूलतः रेशेदार (तंतुमय) प्रोटीन है जो विशेष प्रकार की त्वचा की कोशिकाओं से निकलता है। ऊन पालतू भेड़ों से प्राप्त किया जाता है, किन्तु बकरी,याक आदि अन्य जन्तुओं के बालों से भी ऊन बनाया जा सकता है। कपास के बाद ऊन का सर्वाधिक महत्व है। इसके रेशे उष्मा के कुचालक होते हैं।
महाराष्ट्र की धनगर जाति में दक्षिण एशियाई(Proto
Asians/ भारतीय) पुरुष और पश्चिम यूरेशियन एवं यूरोपियन महिलाओं का प्रमाण ज्यादा हैI पश्चिम यूरेशिया में हट्टी(Hatti/Hittite) और भारत में मौर्य, सातवाहन, गुर्जर प्रतिहार ,राष्ट्रकुट, विजयनगर इत्यादि बड़े बड़े साम्राज्य के निर्माता दक्षिण एशियाई पुरुष ही हैI
मराठा पुरुषों के डीएनए रिपोर्ट में पश्चिम यूरेशियन पुरुष(Anatolian
J2 lineage related to neolithic Turkish farmers/ अनतोलियन/तुर्क किसान) और दक्षिण एशियाइ महिला
(mtDNA M related to paleolithic females) प्रमाण ज्यादा हैI डीएनए रिपोर्ट से ये पता चलता है कि मराठा और अनतोलियन/तुर्क
(Anatolian Turkish farmers) किसानो का संयोग हुआ हैI कायस्थ के डीएनए रिपोर्ट में भी अनतोलियन/तुर्क किसान पुरुषों का प्रमाण ज्यादा हैI
लॅटिन भाषेची कुळकथाही ग्रीकप्रमाणेच भारतातून प्रारंभ होते. ऋग्वेदात वर्णन केलेल्या व सुमारे साडेसहा हजार वर्षांपूर्वी झालेल्या ‘दाशराज्ञ’ युध्दापासून पाच हजार वर्षांपूर्वीच्या (कौरव-पांडवांच्या) भारतीय युध्दापर्यंतच्या दीर्घ कालावधीत अतिप्राचीन भारतीय जनसमूह पश्चिमेकडे देशांतर करीत राहिले; त्यात सुमारे चार हजार वर्षांपूर्वी हिटाइट, कॅसाइट, हुराइट नावाचे जनसमूह आता मुस्लीम असलेल्या मध्यपूर्वेत पोहोचले व तेथे त्यांनी मेसोपोटेमिया प्रदेशात वैदिक संस्कृतींचे एक विस्तीर्ण संकुल भरभराटीला आणले, हे पाश्चिमात्य इतिहासकारांनीही मान्य केले आहे. या भारतीय समूहांनी आपापली राज्ये-साम्राज्ये उभारली, त्यात हिटाइट लोक प्रमुख होते. हट्टी/खट्टी या तत्कालीन शब्दांपासून ‘हिटाइट’ हा इंग्रजी शब्द निघाला आहे, व ‘खट्टी’ शब्द ‘क्षत्रिय’पासून निघाला आहे. सुमारे चार हजार वर्षांपूर्वी या हिटाइटांचे विस्तीर्ण साम्राज्य मध्यपूर्वेत पसरले होते, त्यांची हिटाइट भाषा संस्कृतोद्भव होती, आणि इंद्र, मित्र, वरुण इ. वैदिक देव त्यांचेही देव होते.
Comments
Post a Comment