पुण्डरीक(पुंडलिक) वंश की उत्पत्ति:
पुण्डरीक(पुंडलिक) वंश की उत्पत्ति:
पुण्डरीक(पांडुरंग) का मतलब हैं सफेद नाग!
इतिहास कार इस वंश को सूर्यवंशी भी कहते हैं क्योंकि पुण्डरीक नाग ने प्रभु श्रीराम के जेष्ठ पुत्र कुशा के कुल में जन्म लिया थाI राजा पुण्डरीक ऋषि भी थेI पुण्डरीक के वंशज पुंड्र/ पुण्डीर धनगर कहलायेंI पुंड्र धनगर पंढरपुर शहर के संस्थापक हैंI भगवान विट्ठल एवं बिरोबा पुंड्र धनगर थेI
धनगर खरात, शिंदे, सुळ नाग लोक थेI पुण्डरीक (पुंडलिक) गोत्र के नागवंशी शक- सुळ माउंट आबू, राजस्थान के अग्निकुंड के बाद अग्निवंशी परिहार कहलायेंI सरगरा और चालुक्य प्राचीन अग्निवंशी क्षत्रिय हैI इनका जन्म यज्ञकुंड से हुआ हैI कभी कभी अगर हम नागवंश को सुर्यवंश कहे तो गलत नही होगा क्योंकि सूर्यवंशी प्रभु श्रीराम के भ्राता लक्ष्मण जी शेषनाग थेI
पुण्डरीक(पांडुरंग) का मतलब हैं सफेद नाग!
इतिहास कार इस वंश को सूर्यवंशी भी कहते हैं क्योंकि पुण्डरीक नाग ने प्रभु श्रीराम के जेष्ठ पुत्र कुशा के कुल में जन्म लिया थाI राजा पुण्डरीक ऋषि भी थेI पुण्डरीक के वंशज पुंड्र/ पुण्डीर धनगर कहलायेंI पुंड्र धनगर पंढरपुर शहर के संस्थापक हैंI भगवान विट्ठल एवं बिरोबा पुंड्र धनगर थेI
धनगर खरात, शिंदे, सुळ नाग लोक थेI पुण्डरीक (पुंडलिक) गोत्र के नागवंशी शक- सुळ माउंट आबू, राजस्थान के अग्निकुंड के बाद अग्निवंशी परिहार कहलायेंI सरगरा और चालुक्य प्राचीन अग्निवंशी क्षत्रिय हैI इनका जन्म यज्ञकुंड से हुआ हैI कभी कभी अगर हम नागवंश को सुर्यवंश कहे तो गलत नही होगा क्योंकि सूर्यवंशी प्रभु श्रीराम के भ्राता लक्ष्मण जी शेषनाग थेI
Comments
Post a Comment