मनुष्य उत्क्रांतिवादाचा भारतीय सिद्धांत
८४ लक्ष योनींच्या प्रवासानंतर माणसाचा जन्म मिळतो असे ऐकले होते/८४ लाख प्रकार के जीवों की योनि में जन्म भोगने के पश्चात मनुष्य जीवन मिलता हैI
आदमी,(आदम/एडम), (मनु/मनुष्य) और मैन(Man)
हिंदी शब्द आदिम मानव(आदिमानव) का मतलब है अतिप्राचीन मानवI विश्व में पहला सुसंस्कृत मानव मनु थाI मनु आदिम मानव का वंशज थाI इंग्लिश मैन(Man)
शब्द जर्मन मनुस शब्द से आया है जिसका मूल संस्कृत मनु शब्द हैI मनुष्य मनु के वंशज हैI
हिन्दू, मुस्लिम और ईसाई(क्रिस्चन) मनु/ आदम/एडम की उत्त्पति भगवान/ ब्रह्मा की शरीर से मानते हैI ब्रह्माजी कि उत्त्पति भगवान विष्णु की शरीर से हो गईI इसके बारे लोगों में विरोधा भास है क्योंकि ये मनुष्य विकास
(Modern theory of evolution) से मेल नहीं खाता हैI विज्ञानिकों ने इसे गलत तरीके से समझा हैI ये विज्ञानिकों की समझ के बाहर हैI
ये ध्यान मे रखना जरूरी है कि भगवान विष्णु की एक सांस में से करोड़ों ब्रह्माण्ड बाहर आते हैI
इसी कारण भगवान विष्णु को ब्रह्माण्ड का स्वामी कहते हैI अपनी पृथ्वी तो इस विशाल ब्रह्माण्ड का एक छोटासा हिस्सा हैI
ब्रह्माण्ड का मतलब है अंडे जैसा आकारI वास्तव में ब्रह्माण्ड अंडे जैसा ही हैI मनु जी का विकास पृथ्वी पर प्राणियों से हो गया या ब्रह्मा जी की शरीर मे प्राणियों का विकास हो गया दोनो का मतलब एक ही हैI और जो लोग पाचसो साल पहले कहते थे कि पृथ्वी सपाट है वो लोग हमसे महान??
इसी कारण भगवान विष्णु को ब्रह्माण्ड का स्वामी कहते हैI अपनी पृथ्वी तो इस विशाल ब्रह्माण्ड का एक छोटासा हिस्सा हैI
ब्रह्माण्ड का मतलब है अंडे जैसा आकारI वास्तव में ब्रह्माण्ड अंडे जैसा ही हैI मनु जी का विकास पृथ्वी पर प्राणियों से हो गया या ब्रह्मा जी की शरीर मे प्राणियों का विकास हो गया दोनो का मतलब एक ही हैI और जो लोग पाचसो साल पहले कहते थे कि पृथ्वी सपाट है वो लोग हमसे महान??
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