गुर्जर साम्राटो के नेत्रत्व में सदियो तक तुर्क आक्रांताओं को खदेड़ कर
गुर्जर साम्राटो के नेत्रत्व में सदियो तक तुर्क आक्रांताओं को खदेड़ कर
स्वदेश व स्वधर्म की रक्षा करते हुए
अपना सर्वस्य न्यौछावर कर दिया।
परन्तु सत्ता विहिन होकर भी सदा विदेशी आक्रांताओं से टकराती रही और अन्त में ब्रिटिश साम्राज्यवाद में सन 1822 से 1857 तक निरन्तर टकरा कर अपना जन, धन, वैभव सब स्वाहा कर अति दीन अवस्था को प्राप्त हुईl
संघर्ष और स्वामिभक्ति की मिसाल:
संघर्षशील और जुझारू स्वभाव वाला गुर्जर समुदाय स्वामीभक्ति, दोस्ती और विश्वास की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने के लिए विख्यात है।
स्वदेश व स्वधर्म की रक्षा करते हुए
अपना सर्वस्य न्यौछावर कर दिया।
परन्तु सत्ता विहिन होकर भी सदा विदेशी आक्रांताओं से टकराती रही और अन्त में ब्रिटिश साम्राज्यवाद में सन 1822 से 1857 तक निरन्तर टकरा कर अपना जन, धन, वैभव सब स्वाहा कर अति दीन अवस्था को प्राप्त हुईl
संघर्ष और स्वामिभक्ति की मिसाल:
संघर्षशील और जुझारू स्वभाव वाला गुर्जर समुदाय स्वामीभक्ति, दोस्ती और विश्वास की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने के लिए विख्यात है।
Comments
Post a Comment