अर्जुन की विजय-यात्रा और कुरु या उत्तरकुरु
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अर्जुन की विजय-यात्रा और कुरु या उत्तरकुरु
श्वेत पर्वत को पार कर गुह्यकों से रक्षित ’हाटक’ नाम के देश में चले गये। उन्हें भी जीतकर वह मानसरोवर की ओर आगे बढ़ गये।
उधर हाटक देश के बाद मानसरोवर के निकट ही गन्धर्वों का देश था। इस देश को भी जीतकर गन्धर्वों से तित्तिर-किल्मिष और मण्डूक-नामक घोड़े कर-स्वरूप उन्होंने ग्रहण किये।
श्वेत पर्वत को पार कर गुह्यकों से रक्षित ’हाटक’ नाम के देश में चले गये। उन्हें भी जीतकर वह मानसरोवर की ओर आगे बढ़ गये।
उधर हाटक देश के बाद मानसरोवर के निकट ही गन्धर्वों का देश था। इस देश को भी जीतकर गन्धर्वों से तित्तिर-किल्मिष और मण्डूक-नामक घोड़े कर-स्वरूप उन्होंने ग्रहण किये।
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