भारत का प्राचीन पशुपाल जनसमुह(धनगर)
भारत का प्राचीन पशुपाल जनसमुह(धनगर)
१) हाटकर- (संस्कृत- 'हाटक+ आर्य')- महाभारत ग्रंथ के अनुसार हाटक नामक देश तिब्बत में स्थित वर्तमान मानसरोवर और कैलाश का निकटवर्ती प्रदेश था | तिब्बत/हाटक देश के लोगो को आर्य कहा जाता था,एक प्रसिद्ध प्राचीन उन्नत और सभ्य जाति जो आर्यावर्त्त में बसी थी,और जिसकी कुछ शाखाएँ यूरोप और आशिया मायनर प्रांत हिटाईट नाम से फैली थी।अतिप्राचीन काल में आशिया कि शक्तिशाली जनजाती जिनके साम्राज्य को 'हिटाईट' नाम से जाना जाता है | (हट्टीकारा) धनगर जनसमूह के अंतर्गत 'हाटकर' यह मध्य तथा दक्षिण भारत कि एक प्राचीन जनजाती है |
२) पाल- संस्कृत और अन्य भाषाओ में 'पाल' शब्द का मतलब 'संरक्षक/मित्र' होता है | (संस्कृत- 'पाल') अतिप्राचीन काल में उत्तर भारत में पाल नामक शक्तिशाली जनजाती के पशुपालक लोग राहते थे | जिन के साम्राज्य को 'पाला' नाम से जाना जाता था | इनकी कुछ शाखाएँ युरोप, मध्यआशिया आदि की ओर फैली थी | धनगर जनसमूह के अंतर्गत 'पाल' यह उत्तर, मध्य और दक्षिण भारत कि एक प्राचीन जनजाती है |
३) कुरुबा- संस्कृत- 'भा' मतलब 'ज्योतिर्मय/विद्यासंपन्न' | कन्नड भाषा में 'कुरी' शब्द का मतलब 'भेड़' होता है और दक्षिण भारत में 'बा' शब्द का मतलब 'स्वामी/पालनकर्ता' होता है | (संस्कृत- 'कुरु+ भा') अतिप्राचीन काल में उत्तर भारत में कुरु नामक शक्तिशाली जनजाती के लोग रहते थे, जिनके साम्राज्य को उत्तर कुरु और अन्य नामो से जाना जाता था | एक प्रसिद्ध प्राचीन उन्नत और सभ्य जाति जो आर्यावर्त्त में बसी थी, और जिसकी कुछ शाखाएँ मध्य आशिया आदि की ओर फैली थी। धनगर जनसमूह के अंतर्गत 'कुरुबा' यह दक्षिण भारत कि एक प्राचीन जनजाती है |
४) गडरीया- (संस्कृत- 'गड्डारिका)' मतलब 'भेड़ों के झुंड में सबसे अागे चलने वाली भेड़ को संस्कृत में गड्डारिका कहते हैं' | (संस्कृत- 'गढ/गड+ आर्य') मतलब 'पहाडो/दुर्ग का स्वामी/मालिक' | धनगर जनसमूह के अंतर्गत 'गडरीया' यह उत्तर भारत कि एक प्राचीन जनजाती है | महाभारत कालीन गांधार साम्राज्य गडरिया योद्धाओ का था, जिसके बारे में ऋग्वेद नामक ग्रंथ में गांधार के 'भेड के ऊन' के बारे में प्रशंसा कि गयी है |
५) गुर्जर- संस्कृत 'गुर' मतलब शत्रू और 'जर' मतलब नष्ट करनेवाला, इसके और भी अर्थ है गोजर (गो-गोधन पालन) | अतिप्राचीन काल में गुर्जर जनसमूह का साम्राज्य मध्य एशिया के कॉकशेस पर्वत (अभी के आर्मेनिया और जॉर्जिया) में था | धनगर जनसमूह के अंतर्गत दक्षिण भारत में गुर्जर एक प्राचीन जनजाती है और उत्तर भारत में इनका स्वतंत्र अस्तित्व प्राचीन काल से अस्तित्व में है |
६) अहिर- संस्कृत 'अहि' मतलब 'गाय' होता है | अतिप्राचीन काल में अरेबिया मतलब आभीर साम्राज्य था और वह पश्चिम और उनके राज्य पूर्व भारत नेपाल कि और फ़ैले हुए थे | धनगर जनसमूह के अंतर्गत दक्षिण भारत में अहिर एक प्राचीन जनजाती है और उत्तर भारत में इनका स्वतंत्र अस्तित्व प्राचीन काल से अस्तित्व में है |
७) यादव- ऋग्वेद ग्रंथ में 'यदु' जनसमूह का उल्लेख अनेक बार मिलता है गोधन और पशुधन के लिये इन्होने बहुत सारे युद्ध किये थे | यादावो का साम्राज्य आशिया खंड में प्रसिध्द था | धनगर जनसमूह के अंतर्गत दक्षिण भारत में (येदुगार) एक प्राचीन जनजाती है और उत्तर भारत में इनका स्वतंत्र अस्तित्व प्राचीन काल से अस्तित्व में है |
८) रट्टा- संस्कृत (अरट्ट- अराष्ट्र) गणतांत्रिक राज्य | अरट्टा नामक साम्राज्य मेसोपोटोमिया और सप्तसिंधू में था जिनके पुख्ता साबूत उपलब्ध हुए है | रथ, रट्टा नामक जनसमूह उत्तर भारत के लोग आज भी पंजाब, राजस्थान और सिंधू, घग्गर नदी के किनारे पशुपालन का व्यवसाय करते है | धनगर जनसमूह के अंतर्गत दक्षिण भारत में महरट्टा नामक एक प्राचीन जनजाती थी |
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