प्राचीन ईरान के शक्तिशाली मीदि और मेढ मेषपाल लोग
प्राचीन ईरान के शक्तिशाली मीदि और मेढ मेषपाल लोग
कुरोश (साइरस) ने ईरान में मेड साम्राज्य को अपने ही नाना अस्त्यागस से हस्तांतरित करते हुए साम्राज्य का नया नाम अजमीढ़ (Greek:Achaemenid_empire) साम्राज्य रखा था। इस साम्राज्य की सीमायें भारत से मिश्र, लीबिया और ग्रीक तक फ़ैली हुई थी।
कुरोश (साइरस) ने ईरान में मेड साम्राज्य को अपने ही नाना अस्त्यागस से हस्तांतरित करते हुए साम्राज्य का नया नाम अजमीढ़ (Greek:Achaemenid_empire) साम्राज्य रखा था। इस साम्राज्य की सीमायें भारत से मिश्र, लीबिया और ग्रीक तक फ़ैली हुई थी।
अजमीढ़ यानि मेढ वंश के शासक सातवीं सदी से अन्शान नामक एक छोटे से राज्य के शासक थे जो आधुनिक दक्षिण-पश्चिमी ईरान के पार्स प्रांत में केंद्रित था। जिस समय अजमीढ़ शासकों ने सत्ता सम्हाली (ईसापूर्व 648 में), उस समय मीदि(मदने) लोग ईरान में सबसे ज्यादा शक्तिशाली थे। अन्शान यानि पार्स यानि फारस के राज्य (जो मीदिया के दक्षिण में थे) उसके सहयोगी थे। ये लोग असीरिया के खिलाफ़ युद्ध करते थे। ईसापूर्व सन् 559 में जब कुरोश (साइरस) वंशानुगत रूप से अन्शान का राजा बना तो उसने मीद प्रभुत्व स्वीकार करने से मना कर दिया और मीड साम्राज्य के ख़िलाफ विद्रोह कर दिया। उसने ईसापूर्व 549 में मेड राजा अस्त्यागस की राजधानी हमादान (एक्बताना) पर अधिकार कर लिया। उसने अपने को पारस का शाह घोषित कर दिया और मीड साम्राज्य को अपना सहयोगी राज्य बना दिया। इससे मीदिया और फ़ारस के रिश्ते पूरी तरह बदल गए और फारस उसके बाद आने वाली सदियों के लिए ईरानी प्रभुसत्ता का केन्द्र बन गयाI
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