यूरेशिया के मैदान के घुमंतू(Nomadic) पशुपाल और किसानों की सामाजिक स्थिति
यूरेशिया के मैदान के घुमंतू(Nomadic) पशुपाल और किसानों की सामाजिक स्थिति
यूरेशिया में पशुपाल लोग शक्तिशाली थेIपिछली कुछ सदियों तक यूरेशिया में चरवाहा क्षेत्र पशुपाल लोगों ने सैन्य शक्ति के बल पर संरक्षित किया था और सिंचाई नही की गई थीI लेकिन कुछ खेती लायक क्षेत्र पर किसान लोगों को उपनिवेशन(Colonisation) की अनुमति पशुपाल लोगों द्वारा दी गई थीI ये किसान लोग अक्सर पशुपाल लोगों के बंदी होते थे और अपने पशुपाल मालिक के लिए अनाज निर्माण का काम करते थेI
भाषा:
यूरेशिया के मैदान के पशुपाल लोग इंडो यूरोपियन और इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार की इंडो-ईरानियन,इंडो-आर्यन और इंडो-ईरानियन भाषा परिवार की इंडो-सिथियन भाषा बोलते थेI चौथी शताब्दी के बाद ईरानियन लोगों का स्थान घुमंतू तुर्क-क़ज़ाक़,उजबेक इत्यादि लोगों ने लियाI
यूरेशिया में पशुपाल लोग शक्तिशाली थेIपिछली कुछ सदियों तक यूरेशिया में चरवाहा क्षेत्र पशुपाल लोगों ने सैन्य शक्ति के बल पर संरक्षित किया था और सिंचाई नही की गई थीI लेकिन कुछ खेती लायक क्षेत्र पर किसान लोगों को उपनिवेशन(Colonisation) की अनुमति पशुपाल लोगों द्वारा दी गई थीI ये किसान लोग अक्सर पशुपाल लोगों के बंदी होते थे और अपने पशुपाल मालिक के लिए अनाज निर्माण का काम करते थेI
भाषा:
यूरेशिया के मैदान के पशुपाल लोग इंडो यूरोपियन और इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार की इंडो-ईरानियन,इंडो-आर्यन और इंडो-ईरानियन भाषा परिवार की इंडो-सिथियन भाषा बोलते थेI चौथी शताब्दी के बाद ईरानियन लोगों का स्थान घुमंतू तुर्क-क़ज़ाक़,उजबेक इत्यादि लोगों ने लियाI
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